ईशा योग फाउंडेशन मुख्यालय में स्थापित देवों के देव महादेव ‘आदियोगी’ की 112.4 फीट ऊंची प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची अर्धप्रतिमा बन गई हैं। इस अर्धप्रतिमा का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। जिसकी जानकारी गिनीज ने अपनी वेबसाइट के माध्यम से ट्वीट कर दी। यह दूसरी बार है जब ईशा फाउंडेशन ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है, इससे पहले 17 अक्टूबर 2006 में संस्था ने 8.52 लाख पौधों का वृक्षारोपण कर संस्था का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवाया था।
संस्था ने जारी की प्रेस विज्ञप्ति…..
ईशा योग फाउंडेशन ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया,’महादेव की अर्धप्रतिमा के अनावरण के बाद आदियोगी के चेहरे की झलक पाने के लिए हजारों की तादात में श्रद्धालु खींचे चले आते है।‘ इस विशाल प्रतिमा के रचनात्मक स्वरूप को आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव ने तैयार किया था। इस प्रतिमा की ऊंचाई 112.4 फीट, चौड़ाई 24.99 मीटर और लंबाई 147 फीट है। प्रेस विज्ञप्ति द्वारा योगा फाउंडेशन ने बताया कि जल्द ही देश में इस प्रकार के तीन और विशालकाय मूर्तियों की निर्माण करने का विचार किया जा रहा है।
उधर, सद्गुरु (आध्यात्मिक गुरु) के मुताबिक शिव का यह भव्य स्वरुप योग के स्त्रोत को दर्शाता है, साथ ही साथ यह प्रतीकात्मक रुप से 112 तरीकों का प्रतीक हैं। क्योंकि आदियोगी ने सर्वप्रथम मनुष्यों को अपनी पांचों इंद्रियों पर काबू पाने के लिए 112 मार्ग बताए थे। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सद्गुरु 50 देशों के सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल किए गए है जो कि एक योगी, आध्यात्मिक गुरु, दूरदर्शी व बेस्टसेलर लेखक के रुप में जाने जाते है। हाल ही में भारत सरकार द्वारा सद्गुरु को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है।