सत्र के अंतिम दिन विपक्ष की गैरहाजिरी का मुद्दा छाया रहा
लखनऊ। विधान सभा में बजट सत्र के अंतिम दिन विपक्षी सदस्यों के बहिष्कार का मुद्दा छाया रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने गृह और समान्य प्रशासन के बजट पर बोलते हुए कई बार कहा कि यदि विपक्षी सदस्य यहां होते तो सार्थक चर्चा होती और टोकाटोकी के बीच कई बात सामने आतीं। उन्होने कहा कि विपक्ष ने अपनी भ्ूामिका का निर्वाह नहीं किया है। सदन मे बोलते हुए संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना कहा कि बजट सत्र में यदि विपक्षी सदस्य भाग लेते तो बेहतर होता। इन सदस्यों ने प्रदेश की जनता से विश्वासघात किया है। उन्होने कहा कि सरकार और स्वयं मुख्यमंत्री पहले दिन से ही चाह रहे थे कि बजट पर लंबी चर्चा हो और सदन अधिक से अधिक दिन तक चले। बजट सत्र के शुरू होने पर कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में 11 जुलाई से 28जुलाई तक सत्र की तिथि तय की गयी ।
सरकार ने विपक्ष को आखिरी दिन तक मोैका दिया कि विपक्षी सदस्य सदन में आएगें और गृह और कानून व्यवस्था के बजट पर बोलेंगे। किंतु विपक्ष ने जनता को धोखे में रखा। इस मामले पर बोलते हुए श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने विपक्ष को भगोड़ा होने की संज्ञा दी। अपना दल के नील रतन पटेल ने कहा कि विपक्ष को सदन में अपनी भूमिका निभानी चाहिये थी। इसके बाद अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सभी विधायकों मंत्रियों का आभार प्रकट किया ।