मण्डलायुक्त ने कसे प्रशासन के पेंच
इलाहाबाद: खुले में शौच से मुक्ति के अभियान को शत प्रतिशत लक्ष्य तक आगामी तीन माह में प्राप्त कर लेने के लिए मण्डलायुक्त डॉ. आशीष कुमार गोयल ने प्रशासनिक अमले को कड़ाई से निर्देशित किया है। मुख्य सचिव के साथ इस कार्यक्रम के सम्बन्ध में वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद मण्डलायुक्त डॉ. आशीष कुमार गोयल ने जिलाधिकारी संजय कुमार के साथ इलाहाबाद प्रशासन के आला अधिकारियों की एक बैठक में यह निर्देश दिये हैं कि प्रधानमंत्री के स्वच्छता कार्यक्रम और मुख्यमंत्री के द्वारा दिलायी गयी स्वच्छता की शपथ को स्मरण करते हुए स्वच्छता के कार्यक्रम को एक सरकारी कार्यक्रम के बजाय जनआंदोलन का रूप देते हुए केवल औपचारिक कार्यदायी संस्थाओं को ही नहीं बल्कि सभी सरकारी मशीनरी, स्वयंसेवी संस्थाओं, जागरूक युवाओं एवं छात्राओं तथा नागरिकों को भी इस कार्य में व्यक्तिगत रूचि लेकर लगने के लिए प्रोत्साहित किया जाय तथा उन्हें इस कार्य को केवल एक स्वयंसेवक की तरह नहीं बल्कि एक रोजगार के रूप में भी लेते हुए इस कार्यक्रम से जुडऩे के लिए प्रेरित किया जाये। मण्डलायुक्त ने यह निर्देश दिये कि इलाहाबाद को निर्धारित लक्ष्य में एक जनपद में पूरे देश में सर्वाधिक लक्ष्य है तथा यहां पांच से साढ़े पांच लाख तक शौचालय बनाने हैं। इसे बहुत तत्परता के साथ लगकर ही आगामी तीन माह में पूरा किया जा सकेगा। उन्होंने जनपद के मुख्य विकास अधिकारी और जिला पंचायत अधिकारी को यह निर्देश दिया कि इस कार्य को एक जनजागरूकता अभियान चलाकर हर आवश्यक स्थान पर गांवों, विद्यालयों और आंगनवाडी केन्द्रों में शौचलाय बनवाने का कार्य वहां के निवासियों की निजी रूचि के आधार पर उनके सहयोग से पूरा करवाया जाय। इसके लिए जरूरी है कि पहले उन्हे स्वच्छता और सफाई के महत्व के बारे जागरूक किया जाय।
उन्हें खुले मे शौच की हानियों के अवगत कराते हुए शौचालय निर्माण के महत्व से अवगत कराया जाय तथा उसके उपरान्त उनकी रूचि के साथ शौचालय निर्माण में उनका सहयोग लेते हुये उन्हें निर्माण के पहले दिन से ही उसका उपयोग करने की भी हिदायद दी जाय साथ ही इस कार्य में लगने वाली धनराशि एवं निर्माण सामग्री को निर्धारित समय पर सीधे लाभार्थी तक पहुंचाने की व्यवस्था कराकर इसका कड़ाई से पर्यवेक्षण भी सुनिश्चित किया जाये, जिससे शौचालयों का निर्माण गुणवत्ता के साथ समय से पूर्ण हो सके और लोग उसका उपयोग भी करने लगें। मण्डलायुक्त ने स्वयं एक रणनीति बनाते हुये मुख्य विकास अधिकारी एवं जिला पंचायत राज अधिकारी को यह समझाया कि कुल लक्ष्य को प्रतिदिन के लक्ष्य में बांट कर उसके हिसाब से आवश्यक निर्माण कर्मियों को प्रशिक्षित करा लिया जाय और अभी से इस कार्य में जुटकर आगामी तीन माह में 15 अक्टूबर तक इलाहाबाद को ओडीएफ करने का लक्ष्य हासिल किया जाये। मण्डलायुक्त ने जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी को मुख्य सचिव के इस निर्देश का अनुपालन करने को कहा कि इस कार्य को मण्डल और जनपद के विकास का प्राथमिक कार्य मानते हुये प्रतिदिन इसकी आधे घंटे नियमित मॉनीटरिंग की जाय। इसकी धनराशि के वितरण की भी समयबद्ध व्यवस्था का पर्यवेक्षण किया जाये तथा कागजी औपचारिकता को यथाशीघ्र पूर्ण करते हुये इस विकास कार्य को तेजी से जमीन पर उतारा जाय। इसके लिये ध्यान रखा जाय कि इससे संबन्धित कोई भी कागजी कार्रवाई प्रारम्भ होने से 24 घंटे के अन्दर अवश्य पूर्ण हो जाये।
यदि इस तरह इस कार्य को एक अभियान मानकर किया जाता है तो समय से पहले हम इलाहाबाद मण्डल को ओडीएफ कराने के लक्ष्य को पूर्ण कर लेंगे। मण्डलायुक्त ने लक्ष्य को टुकड़ों में बांट कर कार्य योजना हर टुकड़े पर मशीनरी की पूरी ताकत एक साथ लगाकर एक तरफ से कार्य को पूरी तरह से पूरा करते हुये लक्ष्य तक पहुंचने की रणनीति जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी तथा जिला पंचायत राज अधिकारी को समझायी। उन्होंने मण्डल के सभी जिलाधिकारियों को यह अवगत कराते हुये निर्देश दिया है कि इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री के स्तर से गहन समीक्षा की जा रही है तथा आगामी माह से प्रारम्भ करते हुये प्रत्येक जिलाधिकारी हर माह की पांच तारीख तक अपने जनपद की प्रगति से मण्डलायुक्त को अनिवार्य रूप से अवगत करायें, जिसके आधार पर मण्डलायुक्त इस विषय की मासिक प्रगति से शासन को अवगत करा सकें। इसके लिये उन्होंने मण्डल के सभी जिलाधिकारियों को पांच तारीख तक अपने जनपद की ओडीएफ सम्बन्धित रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा।