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चीन ने यह भी कहा था कि एक समय भारत ने 400 से ज्यादा सैनिक सीमा पर तैनात किए थे, लेकिन बीते दिनों विवाद बढ़ने के बाद उसने अपनी सैनिक वापस बुला लिए हैं। जुलाई के अंत तक डोकलाम सीमा पर केवल 40 भारतीय सैनिक ही बचे हैं।
वहीं भारत ने इस आरोपों को खारिज किया है। भारत का कहना है कि इस वक्त सीमा पर उतने ही तैनात है जितने पहले थे।
डोभाल ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के साझे मंच ब्रिक्स में हिस्सा लेने के लिए पिछले महीने बीजिंग गए थे। डोभाल और यांग दोनों भारत और चीन के बीच सीमा वार्ता के लिए विशेष प्रतिनिधि भी हैं।
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चीन के विदेश मंत्रालय ने डोकलाम से संबंधित गतिरोध पर दोनों देशों के बीच चर्चा के बारे में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि यांग ने डोभाल से ‘उनके आग्रह पर और तौर-तरीके के अनुरूप’ द्विपक्षीय मुलाकात की। बता दें कि डोकलाम पर गतिरोध तब शुरू हुआ जब चीन ने उस इलाके में सड़क बनाना शुरू किया।
चीनी विदेश मंत्रालय ने बताया कि डोभाल और यांग के बीच वार्ता के दौरान कोई प्रमुख प्रगति नहीं हुई। मंत्रालय ने कहा, ‘यांग चेइची ने चीन-भारत सीमा के सिक्किम खंड पर चीन की सरजमीन में भारतीय सीमा बल के अतिक्रमण पर चीन के कठोर रूख और सुस्पष्ट अनिवार्यता जताई।’
इस मुद्दे पर भारत का रूख पिछले माह विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने स्पष्ट किया था। उन्होंने सीमा पर गतिरोध के शांतिपूर्ण समाधान की हिमायत करते हुए कहा था कि इसपर किसी वार्ता के शुरू करने के लिए पहले दोनों पक्षों को अपनी-अपनी सेनाए हटानी चाहिए।