वाराणसी-कोलंबो सीधी विमान सेवा शुरू
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घोषणा को अमली जामा पहनाते हुए ‘एयर इंडिया’ ने उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी और श्रीलंका की राजधानी कोलंबो के बीच आज से सीधी यात्री विमान सेवा शुरू कर दी। श्री मोदी ने इस वर्ष मई में अपने श्रीलंका दौरे के दौरान वहां के प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे से मुलाकात के बाद वाराणसी एवं कोलंबो के बीच शीघ, सीधी विमान सेवा शुरू करने की घोषणा की थी। एयर इंडिया के प्रबंध निदेशक अश्वनी लोहानी ने वाराणसी के बाबतपुर स्थित लाल बहादुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से निर्धारित समय दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर पहला विमान रवाना किया। इससे पहले उन्होंने हवाई अड्डे पर अपने सहयोगी अधिकारियों के साथ कोलंबो जाने वाले तमाम यात्रियों का स्वागत किया और उनके सुगम एवं मंगलमय यात्रा की कामना की।
एयर इंडिया के वाराणसी के अधिकारी मोहम्मद आतिफ इदरीस ने आज यहां बताया कि वाराणसी-कोलंबो की इस विमान में 180 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है। इस विमान में 101 यात्री रवाना हुए हैं, जबकि लौटते वक्त इस विमान से 175 यात्रियों की बुकिंग है। पहली उड़न में 101 यात्रियों की बुकिंग को बेहतर शुरूआत माना जा रहा है। श्री इदरीस ने बताया कि वाराणसी के बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और कोलंबो हवाई अड्डे के बीच सप्ताह में दो दिन, शुक्रवार एवं रविवार को यह सेवा उपलब्ध होगी है। उन्होंने बताया कि एआई-271 विमान वाराणसी से शुक्रवार दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर उड़न भरेगा और इसी दिन तीन बजकर 55 मिनट पर कोलंबो पहुंचेगा।
इसी प्रकार एआई-272 विमान कोलंबो से शाम चार बजकर 55 मिनट पर उड़न भरेगा और रात आठ बजकर 20 मिनट पर वाराणसी पहुंचेगा। वाराणसी-कोलंबो के बीच विमान सेवा शुरू होने से दोनों देशों के बौद्ध श्रद्धालुओं को काफी लाभ होगा। आवागमन में परेशानी में कमी के साथ उन्हे जेब भी कम ढीली करनी पडेगी। नई विमान सेवा शुरू होने से श्रीलंका से भारत खासकर, प्राचीन धार्मिक वाराणसी आने वाले पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होने की संभावना है। गौरतलब है कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रीलंका से वाराणसी के सारनाथ स्थित भगवान बुद्ध के प्रथम उपदेश स्थली आते हैं। उन्हें कोलंबो से दिल्ली और वहां से दूसरे विमान या फिर ट्रेन से वाराणसी आना पड़ता है। इस वजह से उन्हें अधिक खर्च होने के साथ ही आने-जाने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।