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मैं अलग तरीके से विरोध करती : मैरीकोम

marycomनई दिल्ली। एशियाई खेलों के पदक वितरण समारोह के दौरान पोडियम पर सरिता देवी के रोते हुए विरोध करने के पीछे के भावनात्मक क्षण को दिग्गज मुक्केबाज एमसी मैरीकोम समझ सकती हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि अगर उन्हें भी इस तरह की स्थिति का सामना करना पड़ता, तो वह अलग तरीके से विरोध करती। एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाज बनी मैरीकोम ने इंचियोन से लौटने के बाद कहा कि वह इस विवाद में अधिक नहीं बोलना चाहती, लेकिन वह अपनी साथी मणिपुरी मुक्केबाज का समर्थन करती हैं। ओलंपिक कांस्य पदक विजेता और पांच बार की विश्व चैम्पियन मैरीकोम ने कहा कि मैं अब इस पर और टिप्पणी नहीं करना चाहती। मुझे उसके लिए दुख है। उसे सेमीफाइनल मुकाबला जीतना चाहिए था। मुझे उसकी पीड़ा का अहसास है और उसके द्वारा उठाए गए मुद्दे का पूरी तरह से समर्थन करती हूं, लेकिन निजी तौर पर मैं अलग तरीके से विरोध करती, लेकिन यह नहीं बता सकती कि कैसे। यह मेरा निजी नजरिया है लेकिन मैं उसका समर्थन करती हूं। उन्होंने कहा कि उम्मीद करती हूं कि जज और रैफरी सभी प्रतियोगिताओं में निष्पक्ष रहेंगे। मैं इस पर इससे अधिक और कुछ नहीं कह सकती। अपने पहले ही राउंड के मुकाबले में कोरियाई खिलाड़ी को हराने वाली मैरीकोम ने कहा कि उन्हें निजी तौर पर अपने किसी मुकाबले में कुछ गलत नहीं लगा। उन्होंने कहा कि मुझे पहले ही दौर में कोरियाई खिलाड़ी का सामना करना पड़ा। एकमात्र अंतर मैं यह बता सकती हूं कि सरिता के मामले में यह 70 प्रतिशत सरिता और 30 प्रतिशत (जिना) पार्क था। लेकिन मेरे मुकाबले में 100 प्रतिशत मैरी था। एजेंसी

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