बाढ़ राहत में कोताही सहन नहीं : नीतीश कुमार
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्णिया प्रमंडल के चारों जिलों- पूर्णिया, अररिया, कटिहार एवं किशनगंज के बाढ़ प्रभावित इलाकों का विस्तृत हवाई सर्वेक्षण किया। हवाई सर्वेक्षण से लौटने के उपरांत पटना हवाई अड्डा के स्टेट हैंगर में पत्रकारों से बातचीत करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि जो इलाके बाढ़ से प्रभावित हैं, उनकी स्थिति को देखने का अवसर मिला। हवाई सर्वेक्षण का सबसे बड़ा लाभ होता है कि पूरी स्थिति की ओवरऑल जानकारी मिल जाती है और वो जानकारी इसलिये जरूरी है कि किस इलाके में रिलिफ एवं रेस्क्यू के सिलसिले में क्या करना होगा, हवाई सर्वेक्षण से पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाती है। उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत में किसी प्रकार की कोताही सहन नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि कल से इन इलाकों में रेस्क्यू एवं रिलिफ के सारे काम किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एयरफोर्स से हमलोगों ने कल ही हेलीकॉप्टर का रिक्यिूजिशन किया और उसके माध्यम से फूड पैकेट्स एयर ड्रॉप किये जा रहे हैं। हमलोगों ने जो पूरी स्थिति को देखा है, उससे यह प्रतीत हुआ है कि बहुत ज्यादा वर्षा नेपाल और बिहार के इलाके में हुयी है। उन्होंने कहा कि पानी का प्रवाह खासकर महानंदा नदी, कनकई नदी में बहुत तेज था।
पुलों पर भी हमलोगों ने कई जगह असर देखा है। यहॉ तक कि जो फोर लेन सड़क है, वहॉ भी जो महानंदा नदी के ऊपर पुल है, उसमें भी प्रिकॉशन के तौर पर टै्रफिक को रोकना पड़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिये जो कुछ भी रिलिफ के लिये जरूरी है, वह सारा काम किया जायेगा। उन्होंने कहा कि आज ही हमने हवाई सर्वेक्षण के बाद आपदा प्रबंधन मंत्री सह पूर्णिया जिले के प्रभारी मंत्री श्री दिनेश चन्द्र यादव, पूर्णिया के आयुक्त, प्रभारी सचिव का भी हवाई सर्वेक्षण करवाया है और कल आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव, पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव, ग्रामीण कार्य के सचिव को भेज रहे हैं कि वे पूरे तौर पर देख लें कि जो नुकसान हुआ है और किस तरह से काम करना है। हमने यह भी निर्देश दिया है कि कल सभी जिलाधिकारियों को भी हवाई सर्वेक्षण कराकर पूरी स्थिति को उन्हें दिखा देना चाहिये, चूॅकि फिल्ड में उनको काम करना है। उन्होंने कहा कि हवाई सर्वेक्षण से सब चीजों का एहसास हो जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सारा काम होगा, रिलिफ कैम्प भी चलेगा और कई जगहों पर जहॉ लोग रिलिफ कैम्प में रहना पसंद नहीं करते हैं, उनके लिये भोजन का इंतजाम, जिस प्रकार से गंगा नदी में जलस्तर ऊॅचा होने पर बाढ़ की स्थिति हुयी थी तो एक तरह से हमलोगों ने फुड कैम्प लंगर जैसा भी चलवाया था, वह भी चलवाया जायेगा।