जयपुर : सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का यह पुरानी कहावत इन दिनों राजस्थान सरकार पर सही साबित हो रही है, क्योंकि राज्य की वसुंधरा सरकार ने राजस्थान हाई कोर्ट की रोक के बावजूद राज्य के सभी जिलों में बीजेपी कार्यालय बनाने के लिए भू उपयोग परिवर्तन कर लिया है.
उल्लेखनीय है कि बीजेपी राज्य के सभी 33 जिलों में अपना कार्यालय खोलना चाहती है. इसके लिए 28 जिलों में सरकार जमीनों का आवंटन कर रही है. जिसमें से 14 जिलों में जमीन आवंटित कर दी गई है. खास बात यह है कि जो जमीन बीजेपी दफ्तरों के लिए दी गई है, वो जमीन आवासीय और वाणिज्यिक हैं. लेकिन राजस्थान सरकार ने इस जमीन का भू उपयोग ही परिवर्तित कर दिया.जबकि राजस्थान हाई कोर्ट ने ऐसा करने पर रोक लगाई हुई है.
नक्सलियों ने फहराया तिरंगा और खुद कर दी अपनी PHOTOS वायरल
बता दें कि राजस्थान हाई कोर्ट का आदेश है कि जब तक कोई व्यापक जनहित का मामला न हो, तब तक भू उपयोग नहीं बदला जा सकता है. बीजेपी सरकार ने हाई कोर्ट के इसी बिंदु को आधार बनाते हुए अपने आदेश में लिखा है कि व्यापक जनहित में बीजेपी दफ्तरों के लिए भू उपयोग बदले जाएं.
ऐसा क्या हो गया कि यह IAS नाले में उतरकर करने लगा सफाई
बीजेपी ने कहा कि राजस्थान भू- आवंटन नीति, 2015 में राजनीतिक दलों को जमीन आवंटन का प्रावधान है. बीजेपी को आरक्षित दर के अलावा 15 प्रतिशत दर पर जमीन आवंटन किया जा रहा है. जबकि कांग्रेस का आरोप है कि लैंड यूज बदलकर बीजेपी कम पैसे में प्राइम जगह पर दफ्तर खोल रही है. इस मामले को चुनाव आयोग और कोर्ट में ले जाएंगें.