नई दिल्ली : महागठबंधन टूटने के बाद जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने बागी तेवर अपना लिए हैं। गुरुवार को उन्होंने दिल्ली में सांझी विरासत बचाओ के नाम का सम्मेलन बुलाया है। इस बैठक में 17 राजनीतिक दलों के हिस्सा लेने का दावा किया जा रहा है। सम्मेलन की शुरुआत में शरद यादव ने कहा कि देशभर में किसानों और दलितों के साथ अत्याचार हो रहा है। देश भर में बेचैनी है. शरद यादव ने कहा कि मैंने किसी को नहीं बुलाया है फिर भी हजारों लोग मेरे साथ जुड़ रहे हैं। कार्यक्रम में गुलाम नबी आजाद, रामगोपाल यादव, सीताराम येचुरी और डी राजा पहुंचे हैं। कार्यक्रम में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि शरद यादव के नेतृत्व वाली जेडीयू ही असली जेडीयू है, नीतीश वाली JDU बीजेपी की जेडीयू है. नीतीश का दावा सही नहीं है। आजाद ने कहा कि आज अंग्रेज नहीं हैं, लेकिन उनके समर्थक हैं जो भारत छोड़ो आंदोलन के समय में शामिल नहीं हुए थे। आजाद ने कहा कि ये जो समय चल रहा है वो इमरजेंसी का बाप है। लोग सड़क पर भी बात करने से डर रहे हैं। इन्होंने टॉयलेट में भी जासूसी के लिए माइक्रोफोन लगाया हुआ है। उन्होंने कहा कि शरद यादव को बधाई की उन्होंने मंत्री बनने का प्रस्ताव ठुकरा दिया।
नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि पहले हमारी जंग अंग्रेजो से थी, लेकिन अब अपनो से है। उन्होंने कहा कि मैं फक्र से कहता हूं कि मैं मुसलमान हूं। मैं एक हिंदुस्तानी मुसलमान हूं। उन्होंने कहा कि ये लोग जोड़ने की बात करते हैं लेकिन तोड़ने का काम कर रहे हैं। एक पाकिस्तान बना दिया पर अब कितने पाकिस्तान बनाओगे। उन्होंने कहा कि हम पर आरोप लगाते हैं कि हम वफादार नहीं हैं। पर सच ये है कि तुम लोग दिलदार नहीं हो। हम 1947 में आसानी से पाकिस्तान जा सकते थे, लेकिन नहीं गए। मैं उस घाटी से आया हूं जहां पर लोगों को पाकिस्तानी कहा जाता है। हम पाकिस्तानी या अंग्रेजी मुसलमान नहीं हैं हम एक हिंदुस्तानी मुसलमान हैं। गौरतलब है कि शरद ने नीतीश के खिलाफ नारा बुंलद कर ये संदेश दे दिया है। करीब बीस साल पुरानी दोस्ती पर पूर्णविराम लग गया है। यही वजह है कि जेडयू ने शरद को राज्यसभा में अपने संसदीय दल के नेता के पद से हटा दिया गया है।
इसके अलावा उनके साथ नीतीश के खिलाफ बगावत करने वाले राज्यसभा के सांसद अली अनवर के खिलाफ भी कार्रवाई की गई। बिहार में शरद यादव के करीबी 21 नेताओं को पार्टी से निकाल दिया गया क्योंकि ये लोग शरद यादव की यात्रा में शामिल हुए थे। पार्टी से निकाले गए नेताओं में पूर्व मंत्री और दलित नेता रमई राम भी शामिल थे जिन्हें शरद यादव कैंप का माना जाता है। ऐसे में शरद यादव को अपने साथ-साथ अपने करीबी नेताओं सियासी भविष्य के लिए राह तलाश करनी है. ऐसे में उन्होंने विपक्षी पार्टी के नेताओं की बैठक बुलाई, जिसमें देश की 17 पार्टियों के नेता शामिल होंगे। इसमें कांग्रेस से राहुल गांधी और मनमोहन सिंह, गुलाम नबी आजाद, सीपीएम से सीताराम येचुरी, एनसीपी से तारिक अनवर है। राहुल गांधी ने आरएसएस पर हमला करते हुए कहा कि देश को देखने के दो तरीके होते हैं एक कहता है ये देश मेरा है, एक कहता है मैं इस देश का हूं ये फर्क है आरएसएस में और हम मैं। उन्होंने कहा आरएसएस जानती है कि आरएसएस की विचारधारा भारत में चुनाव नही जीता सकती तो वो लोग अपने लोगों को हर जगह डाल रहे हैं।