यूपी के अस्पताल में ऑक्सीजन नहीं तो ब्लड कलेक्शन वैन पंचर
उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह से पटरी से उतर चुकी है। अस्पतालों में आग लगने की घटना बढ़ रही है तो सघन चिकित्सा कक्ष से आक्सीजन ही गायब है। आज तो हद ही हो गई। लखनऊ से स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह तथा राज्य मंत्री स्वाति सिंह ने ऐसी ब्लड कलेक्शन वैन को ही झंडी दिखाई जिसके टायर ही पंचर थे।
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लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान से आज स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के साथ राज्य मंत्री स्वाति सिंह ने ब्लड मोबाइल एप को शुरू करने के साथ ही ब्लड कलेक्शन व ट्रांसपोर्टेशन वैन का फ्लैग ऑफ किया। उन्होंने ऐसे वैन को फ्लैग ऑफ किया, जिनके टायरों में हवा ही गायब थी। पंचर वैन वहां से चंद कदम ही बढ़ सकी। इससे पहले भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में अत्याधुनिक सुविधा वाली कुछ एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाई थी, जिनको जिलों में जाना था, लेकिन उनमें से आधा दर्जन लखनऊ के गैरेज में पहुंच गईं। इन सभी के इंजन में खराबी आ गई थी।
अस्पताल में ऑक्सीजन नहीं, मोबाइल वैन में ‘हवा’ नहीं
लखनऊ में आज चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से ब्लड कलेक्शन एवं ट्रांसपोर्टेशन वैन का फ्लैग ऑफ किया गया। इनको स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह व राज्य मंत्री स्वाति सिंह ने हरी झंडी दिखाई थी। स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए ट्रांसपोर्टेशन वैन को आज हरी झंडी दिखाई गई। इस वैन के टायरों में हवा गायब थी। आज के कार्यक्रम में भी स्वास्थ्य विभाग की गंभीरता की पोल खुल गई। यह प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली की वो कहानी कह रहा है जिसमें कोई बड़ा सुधार होता दिखाई नहीं दे रहा है।
वहां मौजूद लोग कहने लगे कि यह मोबाइल वैन लोगों की जिंदगी क्या बचाएगी जिसमें खुद ही ऑक्सीजन (टायर में हवा) कम पड़ गई है।
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प्रदेश में इस समय छह स्वास्थ्य मंत्री हैं। सिद्धार्थनाथ सिंह, डॉ. रीता बहुगुणा जोशी व आशुतोष टंडन कैबिनेट मंत्री हैं तो स्वाति सिंह, महेंद्र सिंह व संदीप सिंह राज्य मंत्री हैं। गंभीर कार्यक्रम में भी इस तरह की लापरवाही दिखा रही है कि किस तरह से कर्मचारी मुख्यमंत्री तथा अन्य मंत्रियों के प्रति गंभीर नही हैं।
गंभीर कार्यक्रम में भी इस तरह की लापरवाही दिखा रही है कि किस तरह से कर्मचारी मुख्यमंत्री तथा अन्य मंत्रियों के प्रति गंभीर नही हैं।
मंत्री ने दिलाई लाल झंडी
माना जाता है कि किसी भी अभियान को शुरू करने के लिए या फिर गाडिय़ों का काफिला रवाना करने के लिए हरी झंडी दिखाई जाती है, लेकिन ब्लड क्लेक्शन वैन को सिद्धार्थनाथ सिंह ने लाल झंडी दिखाकर रवाना किया। शायद उसी का नतीजा था कि वैन पंचर हो गई।