पीएम मोदी के आह्वान का असर, जम्मू-कश्मीर जाएगा सिविल सोसाइटी दल
हालांकि इस दल का केंद्र की सरकार से लेना देना नहीं है। लेकिन पीएम मोदी के एलान के ठीक बाद सिविल सोसाइटी दल के जम्मू-कश्मीर दौरे को सरकार की परदे के पिछे की कवायद के रूप में देखा जा रहा है।
दल के सदस्य एमजे खान ने अमर उजाला से बातचीत में कहा कि सिविल सोसइटी का चार सदस्यीय दल शनिवार से जम्मू-कश्मीर के चार दिवसिय दौरे पर जा रहा है। वहां पर समाज के विभिन्न वर्गों से बातचीत कर सूबे में शांति कायम करने की कोशिश होगी। खान ने बताया कि हम जम्मू-कश्मीर के आवाम से आह्वान करेंगे कि एक कदम आप भी बढों,एक कदम हम भी बढेंगे।
इसके लिए आने वाले दिनों में तमाम प्रयास भी किए जाएंगे। इसके लिए सिविल सोसइटी दल में शामिल नेता स्थानिय दरगाहों के उलेमाओं से मुलाकात कर उनसे सूबे में सूफीवाद के विस्तार की चर्चा करेंगे।
इसके अलावा व्यापारियों, युवाओं और महिला समूहों से भी सिविल सोसाइटी का दल मुलाकात करेगा। दल के एक सदस्य ने अमर उजाला को बताया कि तमाम क्षेत्र से जुडे लोगों से चर्चा के बाद दल की वापसी सोमवार को होगी।
व्यापारियों को बिगडे माहौल से हुए नुकशान के बारे में अवगत कराया जाएगा। तो युवाओं को अमन शांति के फायदे बताए जाएंगे। जम्मू-कश्मीर की जनता को वह यह समझाने का प्रयास करेंगे कि पाकिस्तान से ज्यादा प्यार उन्हें हिन्दूस्तान के लोग करते हैं।
टीवी की चंद बहसों को छोड पूरा देश कश्मीर के लोगों को चाहता है। अवाम को पाक के नापाक इरादों की याद कराते हुए अमन-शांति कायम करने का आह्वान होगा।
रावत से विभिन्न घटनाओं में घायल युवाओं के सेना के जरिए इलाज कराने की मांग की है। जिसपर रावत ने सहमति जताई है। रावत के आश्वासन के बाद जम्मू-कश्मीर के विभिन्न घटनाओं में घायल लोगों खासकर बच्चों का इलाज अब सेना अपने खर्चे और अपने अस्पतालों में करेगी। दरअसल बीते कई माह से चल रही अशांति के वजह से कई बच्चे भी घायल हुए हैं।
बताया जा रहा है कि प्रेम जी फाउंडेशन के अलावा डीपीएस और एमीटी ने भी जम्मू-कश्मीर में शिक्षण संस्थान खोलने के सिविल सोसइटी के आग्रह को स्वीकार कर लिया है। तो केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय से कहा गया है कि वह अपनी योजना के तहत देशभर में खुलने वाले 150 विद्ययालयों में से करीब 20 विद्यालय जम्मू-कश्मीर में खोले।
तो वहीं जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को कहा गया है कि वे इन तमाम संस्थानों के जरिए खोले जाने वाले शिक्षण संस्थानों के निर्माण के लिए तत्काल भूमि आवंटित करें। इसमें विलंब न करें।
दरअसल पीस पार्टी छोड भाजपा में आए एमजे खान के पीएम मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह से गहरे रिश्ते हैं। खान इससे पहले भी कई मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल को विभिन्न मुद्दों पर पीएम मोदी से मिला चूके हैं।
इसलिए अमन शांति के प्रयास के लिए जम्मू-कश्मीर के दौरे पर जा रहे सिविल सोसाइटी दल को अहम माना जा रहा है। पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के दिन खुद लालकिले से आह्वान किया था कि जम्मू-कश्मीर की समस्या का समाधान गोलियों से नहीं बल्कि गले लगाने से होगा।
उसके ठीक चार दिन बाद यह सिविल सोसइटी का दल सूबे की सिविल सोसाइटी से चर्चा के लिए जम्मू-कश्मीर के दौरे पर जा रहा है।