ट्रिपल तलाक: SC के फैसले पर बोले पूर्व केंद्रीय मंत्री, अब चैन से खुदा के पास जा सकूंगा…
देश के चर्चित शाहबानो केस में 1986 में राजीव गांधी सरकार में मंत्री रहते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ कानून बनाने का विरोध करने वाले पूर्व सांसद आरिफ मोहम्मद खान ताजा फैसले से खुश हैं। उन्होंने कहा, ‘अब मैं चैन से खुदा के पास जा सकूंगा।’ताजा फैसले पर प्रतिक्रिया में आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, ‘यह मानवता और संविधान के साथ इस्लाम की जीत है। इस्लाम अमानवीय नहीं है। कुछ बरगलाने वाले लोगों ने ट्रिपल तलाक के नाम पर महिलाओं के साथ अमानवीयता की जो हदें पार कर दी थी। 1986 में शाहबानो मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ कट्टरपंथी मुस्लिमों के दबाव के कारण राजीव गांधी सरकार ने जो संविधान संशोधन का फैसला किया था, उसका कांग्रेस पार्टी में होने के नाते मैंने पक्ष में वोट दिया था। लेकिन तब मैंने कहा था कि एक दिन देश में मुस्लिम महिलाओं को उनका हक मिलेगा। आज वह दिन आ गया। मुझे कितनी खुशी है इसको शब्दों में बयां नहीं कर सकता। सिर्फ इतना ही कहूंगा कि अब खुदा के पास चैन से जा सकूंगा।’
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विरोध स्वरूप इस्तीफा दे दिया था
आरिफ मोहम्मद खान राजीव गांधी सरकार में केंद्रीय मंत्री थे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ संविधान संशोधन का विरोध किया था। इससे नाराज होकर उन्होंने उत्तर प्रदेश की अपनी बहराइच लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था।
ये था शाहबानो केस
शाहबानो को उनके पति मोहम्मद अहमद खान ने वर्ष 1978 में तलाक दे दिया था। तलाक के वक्त शाहबानो के पांच बच्चे थे। इनके भरण-पोषण के लिए उन्होंने निचली कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अदालत ने शाह बानो के पक्ष में फैसला सुनाया, लेकिन 1980 में मुस्लिम समाज के लगभग सारे पुरुष शाहबानो की अपील के खिलाफ थे। इसी का ख्याल करते हुए तत्कालीन राजीव गांधी सरकार ने 1986 में मुस्लिम महिला अधिनियम पारित कर दिया। इसके आधार पर शाहबानो के पक्ष में सुनाया गया फैसला कोर्ट ने पलट दिया।