सृजन घोटाले की जांच में नीतीश बाधक : लालू यादव
पटना : सृजन घोटाले में मुख्यमंत्री मौनी बाबा बन गए है,वो जांच को बाधित करने और लोगों को गुमराह करने के लिए कार्य कर रहे है, मुख्यमंत्री इन सवालों के जवाब दें, मुख्यमंत्री बताये जब 2013 में आर्थिक अपराध शाखा के संज्ञान में मामला आया जांच हुई तो उस जांच रिपोर्ट का क्या हुआ दोषियों पर कार्यवाई करने की बजाय उन्हें प्रोत्साहित क्यों किया गया यह बातें राजद सूप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने प्रेस वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि सृजन घोटाले के जांच का आदेश देने वाले जिलाधिकारी का आनन-फानन में तबादला क्यों किया गया, जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट का क्या हुआ,कैग ने अपनी 2008 की रिपोर्ट में सृजन द्वारा की जा रही वितीय अनियमतिता को उजागर किया था फिर भी आपने इस मामले को क्यों दबाया,नीतीश कुमार खुद को बचाने के लिए सृजन घोटाले के साक्ष्यों को समाप्त करवा रहे है, उन्होंने पुरे घोटाले की एसआईटी जांच का जिम्मा अपने चेहते स्वजातीय अफसर को सौंपा है,ताकि वो सब सबुत नष्ट कर सकें,जांच करने वाला अफसर खुद भागलपुर जिला का एसएसपी रहते हुए सृजन के कार्यक्रमों में शरीक होता था, वो क्या निष्पक्ष जांच करेगा।
उन्होंने कहा कि पूरी बाढ़ त्रासदी में बिहार सरकार का अमानवीय और असंवेदनशील रवैया रहा लोग मारे जा रहे है, मुख्यमंत्री बाढ़ बचाव की तैयारी करने की बजाय कुर्सी का जोड़-तोड़ और छवि का डेंट-पेंट करने में लगे थे, माना कि बाढ़ प्राक्रतिक आपदा है लेकिन सरकार हर वर्ष बाढ़ और कटाव के नाम पर तटबंध निर्माण में हजारों करोड़ खर्च करती है लेकिन उसकी उपयोगिता ज़मीन पर नहीं दिखती, बाढ़ के नाम पर भी घोटाला हुआ है। सरकार बाढ से मरने वालों के सही आंकड़े जारी नहीं कर रही है,समाचार पत्रों में दिखाया गया कि कैसे पुलिस की निगरानी में लाशो को नदी में फेंका जा रहा है, पीडि़त लोगों के प्रति सरकार का उदासीन रवैया है, सरकार से ज्यादा मदद तो गैर-सरकारी संस्थाये और कार्यकर्तागण लोग कर रहे है, इसमें राजद के कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका है । इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी,प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव,पूर्व सांसद जगदानंद सिंह,विधायक शक्ति सिंह यादव।