यहां हर साल करीब नौ लाख बच्चे किसी ने किसी विकार के साथ पैदा होते हैं। ‘चाइना डिसेबल्ड पर्सन्स फेडरेशन’ के अनुसार 1996 में पैदा हुए प्रति 10 हजार बच्चों में 87 बच्चे किसी न किसी तरह के विकार की चपेट में थे।
2010 में यह आंकड़ा बढ़कर करीब 150 हो गया। बड़ी आबादी के तेजी से वृद्धावस्था की ओर बढ़ने को ध्यान में रखते हुए चीन ने 2016 में दो बच्चे पैदा करने की इजाजत दे दी। इससे पहले दशकों तक एक बच्चे की नीति पर सख्ती से अमल किया गया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार नियोजन आयोग के अनुसार जो महिलाएं दूसरा बच्चा पैदा करने की पात्रता रखती हैं उनमें से 60 फीसदी की उम्र 35 वर्ष या इससे अधिक है।
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सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक ज्यादा उम्र में गर्भवती होने वाली महिलाओं का आंकड़ा 2017 से 2020 तक 30 लाख प्रतिवर्ष रहेगा। उसने कहा कि इससे भी आगे पैदा होने वाले बच्चों में विकार होने का जोखिम बढ़ गया है। चीन में 8.5 करोड़ से ज्यादा लोग विकलांग की श्रेणी में आते हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार भारत की जनसंख्या दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है और अगर इसपर लगान नहीं लगाया गया तो साल 2024 तक भारत चीन को पीछे छोड़ विश्व की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा। फिलहाल, भारत दुनियां का दूसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है। वहीं चीन इस मामले में सबसे ऊपर है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक, विश्व की मौजूदा जनसंख्या 7.6 अरब है, जो साल 2050 तक बढ़कर 9.8 अरब हो जाएगी। यूएन के एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगले सात साल में भारत की जनसंख्या चीन से भी ज्यादा हो जाएगी। वहीं, साल 2050 तक नाइजीरिया की आबादी अमेरिका से ज्यादा हो जाएगी। इसके साथ ही नाइजीरिया दुनिया का तीसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा।
वर्तमान में भारत की जनसंख्या 1.3 अरब और चीन की 1.4 अरब है। हर साल 8.3 करोड़ आबादी बढ़ रही है, जबकि अनाज उत्पादन में तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है। साल 2030 तक दुनिया की आबादी 8.6 अरब और 2050 तक 9.8 अरब हो जाएगी। इतना ही नहीं, साल 2050 तक 60 या इससे ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या दो गुनी से भी ज्यादा हो जाएगी।