मदरसों में पढ़ाया जाएगा तलाक का पाठ, फरमान हुआ जारी
सुप्रीम कोर्ट के एक साथ तीन तलाक पर रोक लगाने के बाद मुस्लिम धर्मगुरुओं ने बड़ा फैसला लेते हुए तलाक को लेकर लोगों को शिक्षित करने का फैसला किया है। धर्मगुरुओं का मानना है कि महिलाओं के साथ साथ पुरुषों को तलाक कैसे देना है, इसकी जानकारी नहीं है। जिसके बाद अब ये मदरसों दारुल उलूम समेत अन्य शिक्षण संस्थानों में तलाक का पाठ पढाने का निर्णय लिया है। हालांकि यह बात शरीयत में पहले से ही है। मगर 70 फीसद से अधिक मुसलमानों को इसकी जानकारी ही नहीं है। इसीलिए मुसलमान गलत तरीके से तलाक दे रहे थे। इससे तमाम महिलाओं की जिंदगी बर्बाद हुई। मगर शरीयत में तलाक का सही तरीका क्या है। इसकी सही और मुकम्मल जानकारी देने का फैसला दरगाह आला हजरत ने लिया है।
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बरेली की दरगाह आला हजरत ने लिया फैसला
दरगाह ने मदरसों को अपने पाठ्यक्रम में तलाक का विषय भी शामिल करने का फरमान दे दिया है। दरगाह आला हजरत के दारुल इफ्ता मंजरे-ए-इस्लाम के मुताबिक तलाक को लेकर शरीयत में कई पाबंदियां दी गई हैं लेकिन ज्यादातर तलाक के मामलों में इनकी अनदेखी की जाती है। ज्यादातर मामलों में लोगों का परिवार बर्बाद हो गया है। इसकी मुख्यवजह है कि लोगों में तलाक की सही जानकारी नहीं है, लोग शिक्षा की कमी और अनजाने में तलाक का वह तरीका अपनाते हैं।
शरीयत में एक साथ तीन तलाक पर पाबंदी की भी दी जाएगी जानकारी
अब कुरान और हदीस की रोशनी में तैयार पाठ्यक्रम विद्यार्थी पढ़ेंगे, साथ ही मदरसों के विद्यार्थियों को तलाक का सुन्नत तरीका बताया जाएगा। धर्म गुरुओँ का मानना है कि तीन तलाक के इस तरीके से पैगंबर-ए-इस्लाम नाखुश रहते थे। यह फरमान दरगाह आला हजरत के मदरसों के साथ ही देश भर के मदरसों के लिए जल्द ही जारी किया जाएगा। दरगाह आला हजरत ने दुनिया भर के उलमा को उर्स और जलसों की तकरीरों में भी शरीयत की रोशनी में तलाक के सही तरीकों की जानकारी आवाम को देने का फरमान जारी किया है।
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तकरीरों में भी तलाक की स्थिति से बचने को दिए जाएंगे सुझाव
आला हजरत दरगाह ने ये भी निर्णय लिया है कि देश में होने वाली तकरीरों और मजलिसों में तलाक की सही जानकारी दी जाएगी। लोगों की समस्याओं को सुलझाने और तीन तलाक के देने के तरीकों को भी बताया जाएगा। इसके अलावा किसी कारण से तीन तलाक देने कि स्थित में काउंसलिंग करने का भी इंतजाम करने की बात कही जा रही है।