अनुच्छेद 35ए पर राजनीति नहीं, बहस हो : निर्मल सिंह
किसी स्वयंसेवी संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है तो उसके फैसले का इंतजार किया जाना चाहिए। इस बीच विपक्ष खासकर नेकां की ओर से लगातार इस मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है।
छात्रों से लेकर वकीलों तथा व्यापारियों तक को आंदोलन में भागीदार बनाने की कोशिशें की गईं। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 35ए पर लोगों की भावनाएं भड़काने की कोशिशें नहीं की जानी चाहिए। लोकतंत्र में स्वस्थ बहस होनी चाहिए न कि भावनाओं में बहकर चर्चा की जानी चाहिए। डेमोग्राफी बदलने तक की कोशिशों के रूप में प्रचारित किया जा रहा है।
यह सब लोगों को बरगलाने की कोशिशों के तहत किया जा रहा है। सरकार के विकास एजेंडे को प्रभावित करने के प्रयास हो रहे हैं। सरकार की कोशिश है कि ऐसी ताकतों के प्रयासों से विचलित हुए बगैर विकास कार्यों को प्राथमिकता के तौर पर आगे बढ़ाता रहा जाए।