नई दिल्ली। सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक के सह संस्थापक मार्क जुकरबर्ग दो दिवसीय भारत यात्रा पर है। मार्क जुकरबर्ग ने इंटरनेट की सुविधा को मानवाधिकार करार देकर देश में एक नई बहस छेड़ दी। वहीं उन्होंने कहा कि इंटरनेट हमें अधिकारसंपन्न बनाता है लेकिन इसका यह अर्थ कतई नहीं है कि वह खाने, स्वच्छ पानी और शौचालय से अधिक महत्त्वपूर्ण है। उल्लेखनीय है कि पिछले 10 दिनों में भारत की यात्रा पर आने वाले वह तीसरे अमेरिकी मुख्य कार्याधिकारी हैं। इंटरनेटडॉटओआरजी समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘जब प्रौद्योगिकी का लाभ पूरे समाज में बांटा जाता है तब हम बड़ी छलांग लगाते हैं। चूंकि भारत ने विज्ञान को तवज्जो दी है इसलिए आने वाली पीढ़ी के पास अवसर होगा कि वह दुनिया को भारत तक लाए और भारत को दुनिया से जोड़े।’ उल्लेखनीय है कि भारत अमेरिका के बाहर फेसबुक का सबसे बड़ा बाजार है लेकिन राजस्व के मोर्चे पर यह काफी पीछे है। 24.3 करोड़ इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों के इस देश में फेसबुक पर करीब 10 करोड़ खाते हैं। जुकरबर्ग शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान इस बात पर चर्चा करेंगे कि आखिर कैसे फेसबुक मौजूदा सरकार की डिजिटल इंडिया पहल में भागीदारी कर सकती है। इसके बाद वह अमेरिका लौट जाएंगे। उन्होंने मोदी के बारे में कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी भारत के गांवों को जोडऩे के लिए प्रतिबद्घ हैं। मैं उनकी मदद करने को लेकर काफी उत्साहित हूं।’