उत्तर प्रदेश

नेक इंसान बनने में कोई स्पर्धा नहीं : प्रोफेसर योगेन्द्र सिंह

यूपी कॉलेज में राजर्षि जयन्ती समारोह

वाराणसी। ‘‘ ईश्वर अंश, जीव अविनाशी।पूज्य राजर्षि उस ईश्वर के ही अंश थे। जन्म उत्सव का परिचायक है और मृत्यु तबतक प्रशंसनीय नही है जबतक उसका पर्नजन्म न हो। व्यक्ति तब माननिय हो जाता है, जब उसका चरित्र माननिय हो जाता है। शिक्षा जगत में पूज्य राजर्षि ऐसे ही आर्दश चरित्र के रूप में जाने जाते है। उनके मूल्य आज भी प्रासागिंक है। आर्दश चरित्र शिक्षा निर्माण की बुनियाद है। छात्रों को याद रखना होगा गुरूओं के संस्कार से ही चरित्र निर्माण होगा। आज समाज में मर्यादा का आभाव होता जा रहा है। जिस समाज में चरित्र, मर्यादा के प्रति लगाव होता है, वही समाज जीवित रहता है। आज देश को संस्कार की आवश्यकता है।’’ उपरोक्त बाते राजर्षि जयन्ती के अवसर पर उदय प्रताप कालेज के राजर्षि सभागार में बोलते हुए, मुख्य अतिथि के रूप में जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया के कुलपति प्रोफेसर योगेन्द्र सिंह ने कही । प्रोफेसर सिंह नेे आगे कहा – ‘‘ आप जीवन में कभी निराश न हों। दृण्ढ संकल्प करें, नेक इंसान बने। नेक इंसान बनने के लिए कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है ।’’

कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि एवं मंचासीन विशिष्टजनों द्वारा राजर्षि प्रतिमा पर माल्यापर्ण एवं दीपप्रज्जवलन से हुआ। रानी मुरार कुमारी बालिका विद्यालय की कुमारी जिज्ञासा एवं छवि की टोली के द्वारा विद्यालय का कुलगीत एवं सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया गया। सौरभ राय ने मंगलाचरण के साथ कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत की। इस अवसर पर विद्यालय की विभिन्न इकाईयो के आशुतोष मिश्रा, आयुषी चैहान, सौरभ राय, नेहा सिंह, रतन सिंह एवं साक्षी द्विवेदी छात्र छात्राओं ने पूज्य राजर्षि को अपनी भावांजली प्रस्तुत की। मुख्य अतिथि ने अर्जून पुरस्कार से पुरस्कृत प्रशान्ति सिंह को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। उदय प्रताप शिक्षा समिति के सचिव यू एस सिन्हा, ए. आर खान ने विद्यालय की प्रगति और भावी योजनाओं की रूपरेखा रख्खी। मुख्य अतिथि प्रोफेसर योगेन्द्र सिंह को कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे उदय प्रताप शिक्षा समिति के उपाध्यक्ष प्रोफसर कीर्ति सिंह, सचिव यू एन सिन्हा एवं सयुक्त सचिव के.पी. सिंह ने स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया ।

सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्र्तगत उदय प्रताप पब्लिक स्कूल ने गणेश वन्दना के माध्यम से मनोहारी भावनृत्य प्रस्तुत किया। रानी मुरार कुमारी बालिका विद्यालय ने ‘‘ महिषासुर बध ’’ के द्वारा आदिशक्ति माॅ दुर्गा के नौ रूपो को प्रस्तुत कर लोगों को भक्ति रस में डुबो दिया। कार्यक्रम का आकर्षण केसरिया साफाधारी छात्रावासिय छात्र थे। व्यवस्था संचालन में छात्रावास गृहपति, अध्यापको एवं एनसीसी कैडेटो की महती भूमिका थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता, शिक्षा समिति के उपाध्यक्ष प्रोफेसर कीर्ति सिंह ने की। स्वागत कृष्णपाल सिंह, सयुक्तं सचिव उदय प्रताप शिक्षा समिति एवं धन्यवाद ज्ञापन डा, एस एन सिंह ने किया। कार्यक्रम का संचालन डा. अरविन्द कुमार सिंह सिंह ने किया। इस अवसर पर उदय प्रताप शिक्षा समिति के न्यायमूर्ति डी पी सिंह, प्रोफेसर यू एस सिन्हा, ए. आर खान, एमएलसी चेतनारायण सिंह, प्रोफेसर धर्मवीर सिंह, प्रधानाचार्य डा. रमेश प्रताप सिंह, प्रधानाचार्या श्रीमती आभा सिंह, श्रीमती संगीता कुमार, डा देवेन्द्र कुमार सिंह, डा. मनीष कुमार सिंह, सहित सभी ईकाईयों के अध्यापक, अध्यापिकायें, प्राचीन छात्र तथा छात्र छात्राए उपस्थित थे।

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