ड्रैगन ने फिर मारी पलटी, JeM सरगना मसूद अजहर पर अपना रुख नहीं बदलेगा चीन
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ एक्सपर्ट्स ने बताया कि चीन के रुख में आए बदलाव की वजह डोकलाम विवाद हो सकता है। जानकारों के मुताबिक इस मुद्दे पर चीन ने आम सहमति के साथ जाना पसंद किया।
खबरों के मुताबिक चीन के रुख में हुए बदलाव का मतलब ये नहीं है कि वह जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर को लेकर अपना स्टैंड चेंज करेगा। आपको बता दें कि जैश ए मोहम्मद पर 2001 में भारतीय संसद पर हमले का आरोप है। जबकि लश्कर ए तैयबा पर मुंबई में 2008 में हुए हमले का आरोप है। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी।
घोषणापत्र में पहली बार पाकिस्तान के आतंकी समूहों का नाम
चीन के शियामेन में 3 से 5 सितंबर तक आयोजित 9वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में आतंकवाद को लेकर दुनिया को एक कड़ा संदेश देने की कोशिश की गई और ब्रिक्स के घोषणापत्र में पहली बार पाकिस्तान के आतंकी समूहों का नाम शामिल किया गया। BRICS में जिन आतंकी संगठनों पर बात हुई उनमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा का नाम शामिल है।
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घोषणापत्र में पाकिस्तान के आतंकी समूहों का नाम शामिल किए जाने के बावजूद चीन ने मसूद अजहर पर पाबंदी और कार्रवाई के मुद्दे पर चुप्पी साधे रखी। संवाददाताओं द्वारा बार-बार पूछे जाने पर सिर्फ यही जवाब मिला कि आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में हमारा स्टैंड स्पष्ट है।
अब तक अड़ंगा लगाता रहा है चीन
आपको बता दें कि जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मौलाना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में प्रतिबंधित आतंकवादी घोषित करने में चीन अब तक अड़ंगा लगाता रहा है। अगर प्रतिबंध लगा तो अजहर की संपत्ति सीज हो जाएगी, उसकी विदेश यात्रा पर रोक लग जाएगी।