इस बार राम की नगरी अयोध्या में होगी अनोखी रामलीला
नई दिल्ली : कुछ ही दिनों में देशभर के शहरों में दशहरे की धूम देखने को मिलेगी। देश के लगभग हर शहर में जगह-जगह रामलीलाओं का मंचन शुरू हो जाएगा। लेकिन इस बार भगवान राम की नगरी अयोध्या में अनोखी तैयारी चल रही है। यहां पहली बार मुस्लिम राम लीला का मंचन करने जा रहे हैं। इस बार इंडोनेशिया से आई मुस्लिम कलाकारों की मंडली यहां रामलीला का मंचन करेगी।
आपको बता दें कि छोटा से देश इंडोनेशिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी है। इसके बावजूद भी यहां के लोग भगवान राम को महान और रामायण को दुनिया के लिए आदर्श ग्रंथ मानते हैं। इंडोनेशिया में भी बड़े पैमाने पर रामलीला का मंचन किया जाता है, लेकिन वहां वाल्मिकी ऋषि द्वारा लिखी गई रामायण नहीं, बल्कि कवि योगेश्वर द्वारा लिखी गई रामायण का मंचन होता है। इंडोनेशिया में दशरथ को विश्वरंजन, सीता को सिंता, हनुमान को अनोमान कहा जाता है।
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इस छोटे से देश में 3 तरह की रामलीला होती हैं, जिसमें पपेट, शैडो पपेट और बैले रामलीला हैं। इस बार इंडोनेशिया के कलाकार लगभग 13 अनोखे वाद्य यंत्रों के साथ रामलीला का मंचन करेंगे। इसके साथ ही इस मंडली में 12 कलाकार मुस्लिम हैं, जिनमें 6 पुरुष और 6 महिलाएं हैं। हालांकि इंडोनेशिया में होने वाली रामलीला कुछ अलग है, क्योंकि यहां रामलीला की शुरुआत सीता हरण से होती है और रावण के खात्मे पर खत्म हो जाती है।
उत्तर प्रदेश के संस्कृति एवं धार्मिक कार्य मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने समाचार एजेंसी भाषा को बताया कि इंडोनेशिया की एक रामलीला समिति अयोध्या और लखनऊ में 13 से 15 सितंबर के बीच रामलीला का मंचन करेगी। सबसे खास बात ये है कि रामलीला में काम करने वाले ये मुस्लिम कलाकार पूरी तरह शाकाहारी हैं। 90 पर्सेंट मुसलमानों के छोटे से देश इंडोनेशिया में भगवान राम की अनोखी छाप देखने को मिलती है। यहां कई लोग अपने घर में कुरान शरीफ के साथ इंडोनेशियाई भाषा में लिखी गई रामायण रखते हैं।