अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने अपनी राय जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि ये मसला सुप्रीम कोर्ट में है और कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, उन्हें स्वीकार्य होगा.
सरसंघचालक मोहन भागवत ने ये राय राजनयिकों के एक दल से मुलाकात के दौरान रखी. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, कार्यक्रम में मोहन भागवत ने कहा कि राम मंदिर-बाबरी मस्जिद केस पर उच्चतम न्यायालय जो भी निर्णय सुनाएगा वह उनके संगठन को मान्य होगा.
सूत्रों के मुताबिक, कार्यक्रम के दौरान आरएसएस प्रमुख ने ये भी दावा किया कि उनके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अच्छे रिश्ते हैं. उन्होंने ये भी बताया कि पीएम मोदी से कई मसलों पर उनकी अच्छी चर्चा होती है.
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दरअसल, कार्यक्रम के दौरान उनसे सवाल किया गया था कि क्या आने वाले लोकसभा चुनाव तक राम मंदिर का मसला सुलझ जाएगा. साथ ही उनसे केंद्र सरकार में आरएसएस के दखल को लेकर भी सवाल किया गया था. जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि संघ बीजेपी को नहीं चलाता और बीजेपी संघ को नहीं चलाता. हां, ये जरूर है कि स्वयंसेवक होने के नाते विचार-विमर्श किया जाता है.
इंडिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में 50 से ज्यादा देशों के राजनयिक शामिल हुए. इस दौरान बीजेपी महासचिव राम माधव और सिविल एविएशन मंत्री जयंत सिन्हा भी मौजूद रहे.
बता दें कि ये मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है. कोर्ट अपनी टिप्पणी में ये भी कह चुका है कि अगर राम मंदिर-बाबरी मस्जिद का विवाद बाहर आपसी सहमति से सुलझा लिया जाए तो वो इसमें मदद करेंगे.