केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश के चार हजार से अधिक संस्थानों और एनजीओ का फॉरेन कांट्रिब्यूशन रेग्यूलेशन एक्ट (FCRA) लाइसेंस रद्द कर दिया है। इनमें देश के जाने-माने शिक्षण संस्थान भी शामिल हैं। इन सभी ने 2010-11 से 2014-15 के बीच के सालों का रिटर्न दाखिल नहीं किया है।
इस बार गिरी इग्नू पर गाज
सरकार ने इस बार इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी सहित दिल्ली के गुरूतेग बहादुर खालसा कॉलेज पर गाज गिराई है। सरकार की तरफ से उन एनजीओ और संस्थानों के लिए ये जरूरी है कि वो एफसीआरए एक्ट के तहत हर साल अपनी इनकम और खर्चों का ब्यौरा दें।
सरकार ने इस बार इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी सहित दिल्ली के गुरूतेग बहादुर खालसा कॉलेज पर गाज गिराई है। सरकार की तरफ से उन एनजीओ और संस्थानों के लिए ये जरूरी है कि वो एफसीआरए एक्ट के तहत हर साल अपनी इनकम और खर्चों का ब्यौरा दें।
2015 में इन प्रमुख संस्थानों पर गिरी गाज
जिन संस्थानों पर सरकार ने 2015 में गाज गिराई है उनमें दिल्ली यूनिवर्सिटी, तेग बहादुर खालसा कॉलेज, जेएनयू, आईआईटी दिल्ली, पंजाब यूनिवर्सिटी और दिल्ली का स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर शामिल थे।
लेकिन इस लाइसेंस के कैंसिल हो जाने के बाद भी जेएनयू, आईआईटी और दिल्ली यूनिवर्सिटी पहले की तरह विदेश से फंड प्राप्त करते रहेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि इनका गठन एक्ट द्वारा किया गया है और सीएजी इनके खातों का हमेशा ऑडिट करता रहता है।
ये भी पढ़े: खानापूर्ति का फेरबदल और मजबूरी का विस्तार
मई में 18500 एनजीओ को लाइसेंस
सरकार ने इस साल मई में भी 18500 से अधिक एनजीओ का लाइसेंस रद्द करने के लिए कहा था, अगर वो अपना पांच से लंबित रिटर्न फाइल नहीं करते हैं। इनमें से 12537 एनजीओ ने अपना रिटर्न तो फाइल कर दिया था, लेकिन बाकी बचे 5922 ने किसी प्रकार का कोई रिटर्न भरने की जानकारी नहीं दी थी।
सरकार ने इस साल मई में भी 18500 से अधिक एनजीओ का लाइसेंस रद्द करने के लिए कहा था, अगर वो अपना पांच से लंबित रिटर्न फाइल नहीं करते हैं। इनमें से 12537 एनजीओ ने अपना रिटर्न तो फाइल कर दिया था, लेकिन बाकी बचे 5922 ने किसी प्रकार का कोई रिटर्न भरने की जानकारी नहीं दी थी।