श्वेतपत्र के जरिए दूसरों को बुरा बताकर खुद को अच्छा साबित करने की कोशिश कर रही योगी सरकार : मायावती
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा अपने छह माह का कार्यकाल पूरा होने पर श्वेत पत्र जारी करके पिछली सरकारों को घेरने की आड़ में अपनी कमियों को छिपाने के प्रयास की तीखी आलोचना करते हुये कहा कि यह दूसरों को बुरा बताकर खुद को अच्छा साबित करने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि यह अपनी सरकार की कमियों पर पर्दा डालने का ही एक घिनौना प्रयास है जिसे जनता कतई पसन्द नहीं करती। योगी सरकार को अब जनता को यह भी बता देना चाहिये कि वह आगे और कितने महीनों-वर्षों तक अपनी सरकार की कमियों पर पर्दा डालने के लिये पूर्ववर्ती सरकारों पर दोषारोपण करते रहेंगे। मायावती ने आज यहा जारी एक बयान में कहा कि योगी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार वास्तव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की तरह ही जनहित, जनकल्याण, विकास, कानून-व्यवस्था के सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय के मामले में काफी ज्यादा विफल व फिसिड्डी रही है। यही कारण है कि भाजपा की सरकारें अपनी उपलब्धियों की शून्यता के कारण विपक्षी पार्टियों व पूर्ववर्ती सरकारों को अपना निशाना बनाने का प्रयास करती रहती हैं ताकि लोगों की आखों में धूल झोंककर अपनी कमियों पर से लोगों का ध्यान बाटा जा सके। उन्होंने कहा कि योगी सरकार का गलत व भ्रमित आकड़ों के माध्यम से स्वयं को सही बताना, यह भाजपा की पुरानी आदत है।
वह अपनी उपलब्धियों के बारे में कुछ बताते तथा पूर्ववर्ती सरकारों की कमिया गिनाने के बजाय अपनी खुद की सरकार की जर्बदस्त कमियों को लेकर श्वेत पत्र जारी करते तो यह ज्यादा बेहतर होता। वास्तव में प्रदेश की योगी सरकार ने वर्तमान श्वेत पत्र को जारी करके उल्टी गंगा बहाने का ही प्रयास किया है। बसपा प्रमुख ने कहा कि इसके अलावा कल संवाददाता सममेलन करके योगी द्वारा अपनी सरकार के कारनामों को उपलब्धि के तौर पर बताने का जो प्रयास किया गया है वह और कुछ नहीं बल्कि उनकी मजबूरी थी क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की भी यही गलत कार्यशैली देश को लगातार देखने को मिल रही है। केवल दूसरों को बुरा बताकर ही नहीं बल्कि दूसरों की उपलब्धियों की पगड़ी को भी अपने सर पर जबर्दस्ती बांध लेना भाजपा सरकारों की खास विशेषता देश भर को देखने को मिल रही है। इतना ही नहीं बल्कि किसानों की कर्ज माफी के नाम पर वोट बटोरने के बाद अब उनके साथ 10 रूपये, 25 रूपये, 100 रूपयेव अन्य मामूली रकमों का चेक देकर सरकारी विज्ञापनों के माध्यम से ऋण माफी का ढिंढोरा पीटा जा रहा है। जनता के साथ विश्वासघात करने वाली ऐसी सरकार की किसी भी बात पर क्या भरोसा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जहां तक प्रदेश में अपराध नियंत्रण व कानून-व्यवस्था के समबन्ध में योगी सरकार द्वारा आकडों के माध्यम से किया गया दावा गलत ही नहीं बल्कि मिथ्या प्रचार है क्योंकि इस प्रकार के मामलों में सरकारी आकड़े और मुख्यमंत्री चाहे लाख दावे करते रहें परन्तु आमजनता व व्यापारी वर्ग आदि में जो त्राहि-त्राहि व असुरक्षा की भावना है वह किसी से छुपी नहीं है। अब इसे योगी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार अपनी उपलब्धि मानती रहे, तो कोई पछताने के सिवाय और क्या कर सकता है?