एक थप्पड़ से BHU में भड़की हिंसा, VC की बेरुखी ने आग में डाला घी
यूपी के वाराणसी के काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में शनिवार की देर रात हुए बवाल में कई छात्र-छात्राएं, पत्रकार और पुलिसकर्मी घायल हो गए. गुरुवार को हुई छेड़खानी की घटना के विरोध में बीएचयू के छात्र-छात्राएं यूनिवर्सिटी के सिंहद्वार पर धरना प्रदर्शन कर रहे थे. बीती रात प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राएं कुलपति आवास का घेराव करने के लिए पहुंच गए. उन पर यूनिवर्सिटी के गार्ड्स ने लाठीचार्ज कर दिया. इसके बाद वहां हिंसा भड़क उठी. गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने जमकर पथराव किया. पेट्रोल बम फेंके गए. इस वक्त पूरा कैंपस छावनी में तब्दील है.
वरिष्ठ पत्रकार विपिन मिश्रा ने बताया कि इस घटना की नींव 21 सितंबर की शाम को ही पड़ गई थी. उस वक्त फाइन आर्ट की कुछ छात्राओं के साथ आर्ट्स फैकल्टी के सामने कुछ मनचलों से छेड़छाड़ की. इसके बाद पीड़ित छात्राओं ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से शिकायत की. पीड़ित छात्राओं का आरोप है कि उनसे कहा गया कि वे इतनी देर शाम तक क्यों घूम रही हैं. क्या वे रेप होने का इंतजार कर रही हैं? इसके बाद पीड़ित छात्राओं ने यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. कुलपति से मिलने की मांग करते हुए सिंहद्वार पर धरने पर बैठ गईं.
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सिक्योरिटी गार्ड ने छात्रा को मारा थप्पड़
स्थानीय पत्रकार अभिनव पांडे ने बताया कि पिछले दो दिन से छात्र-छात्राएं सिंहद्वार पर धरने पर बैठे हुए थे. शनिवार की रात धरना प्रदर्शन करते हुए छात्र-छात्राएं कुलपति आवास का घेराव करने के लिए आगे बढ़े. कुलपति आवास के पास यूनिवर्सिटी के सिक्योरिटी गार्ड्स ने उन्हें रोक दिया. प्रदर्शनकारी कुलपति के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. इससे गुस्सा होकर एक सिक्योरिटी गार्ड ने एक छात्रा को थप्पड़ जड़ दिया. इसके बाद प्रदर्शनकारी आग-बबूला हो गए. तीखी नोंक-झोंक के बीच यूनिवर्सिंटी के गार्ड्स ने लाठीचार्ज कर दिया. इसमें कई लोग घायल हो गए.
पत्थरबाजी-पेट्रोल बम के बीच फायरिंग
जवाब में प्रदर्शनकारी छात्रों की तरफ से भी पत्थरबाजी शुरू की दी गई. पेट्रोल बम फेंके गए. इसके बाद पुलिस फोर्स को बुलाया गया. 25 थानों की पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को नियंत्रण में लाने के लिए लाठीचार्ज के साथ ही 16 राउंड फायरिंग कर दी. इस दौरान हवाई फायरिंग के साथ ही आंसू गैस के गोले दागे गए. इस बवाल में छात्र-छात्राओं के साथ कई पत्रकारों और पुलिसकर्मियों को चोट आई है. सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बीएचयू प्रशासन ने कैंपस के सभी हॉस्टल को खाली करने का आदेश जारी कर दिया है.
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VC की बेरुखी ने आग में डाला घी
बिरला हॉस्टल के बाहर प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राएं अब भी धरने पर बैठे हुए हैं. इससे पहले 22 लड़कियों के एक समूह ने मार्च निकाला था, जिसे यूनिवर्सिटी के गार्ड ने रोक दिया. इधर, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पूरे हॉस्टल को खाली करने का आदेश दे दिया है. छात्र-छात्राओं से जबरन हॉस्टल खाली कराया जा रहा है. पुलिस और प्रशासन के आलाधिकारी यूनिवर्सिटी कैंपस में जमे हुए हैं. बताया जा रहा है कि यदि बीएचयू वीसी प्रोफेसर गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने छात्राओं से आकर मुलाकात कर ली होती, तो शायद यह मामला इतना हिंसक नहीं होता.
पुलिस ने लाठीचार्ज की बताई वजह
इस मामले पर बात करने के लिए हमने वाराणसी के डीएम और एसएसपी से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई भी उपलब्ध नहीं हुआ. इससे पहले एसपी सिटी दिनेश सिंह ने बताया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी दौरे के मद्देनजर पैरामिलिट्री फोर्स बीएचयू कैम्पस में कैंप कर रही थी. पीएम का दौरा खत्म होने के बाद वहां से पैरामिलिट्री फोर्स हट गई. इसके बाद बड़ी संख्या में लड़के और लड़कियों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. बीएचयू के मेन गेट सिंहद्वार को ब्लॉक कर दिया. इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया है.