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400 KM दूर से मिसाइल पकड़ने वाले AWACS की है भारत को है जरुरत
हवाई निगरानी सिस्टम प्रणाली (AWACS) में भारत काफी पीछे चल रहा है। दोनों पड़ोसी पाकिस्तान और चीन जिनसे भारत की बनती नहीं है वह भी काफी आगे हैं। AWACS एक तरह की हवाई निगरानी प्रणाली है। आज के जमाने में इस सिस्टम की बहुत अहमियत है क्योंकि यह आने वाले फाइटर प्लेन, ड्रोन और क्रूज मिसाइल्स को पहले से पता लगा लेते हैं।
भारत के पास कुल तीन AWAC हैं। ये तीनों 2009-11 के बीच आए। तीनों को रूस से खरीदे गए IL-76 जो कि हैवी लिफ्ट एयरक्राफ्ट हैं उनपर लगाया गया है। ये तीनों AWAC इजरायल द्वारा बनाए गए फाल्कन हैं। इनकी रेंज 400 किलोमीटर तक होती है।
भारत ने खुद भी ऐसा सिस्टम बनाने की कोशिश की है। उसको नेत्रा नाम दिया गया है। लेकिन इसकी रेंज 250 किलोमीटर ही है। यह पिछले साल फरवरी में लाया गया था जो कि तय वक्त से सात साल पीछे है।
वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान और चीन ने इस सिस्टम को अपनी प्राथमिकता बना लिया है। पाकिस्तान के पास ऐसे सात सिस्टम हैं। वहीं चीन के पास ऐसे बीस सिस्टम हैं और आने वाले वक्त में ऐसे तीन और सिस्टम उनके पास आने वाले हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, रूस और इजरायल से चल रही डील कीमत बढ़ने की वजह से ठंडे बस्ते में चली गई। खबर के मुताबिक, भारत दो AWACS के लिए 800 मिलियन डॉलर देने को तैयार है वहीं कंपनी 1.3 बिलियन डॉलर की डिमांड कर रही है।
भारत स्वदेशी सिस्टम बनाने की कोशिश तो कर रहा है लेकिन यह पूरे तरीके से 2024-2025 तक पूरे होंगे। भारत अबतक तीन नेत्रा बना चुका है। जिनकी फाइनल चैकिंग की जा रही है।