नई दिल्ली: दिल्ली में स्वाइन फ्लू से मरने वालों की संख्या 12 पहुंच गई है. स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल एक अक्टूबर तक स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या 2,798 रही. डॉक्टरों का कहना है कि ये आंकड़ा बढ़ सकता है. उन्होंने सुझाव दिया है कि ठंडे होते मौसम के बीच लोग स्वास्थ्य को लेकर अधिक सावधानी बरतें. तापमान गिरने से स्वाइन फ्लू का वायरस ज्यादा तेजी से फैलता है, ऐसे में लोगों को बुखार आने पर उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, स्वाइन फ्लू से सबसे बुरी तरह प्रभावित राज्य महाराष्ट्र और गुजरात है. महाराष्ट्र में जहां एच1एन1 वायरस ने 620 लोगों की जान ली है, वहीं गुजरात में स्वाइन फ्लू से मरने वालों की संख्या 429 है. देशभर में इस वायरस की चपेट में आकर अब तक कुल 1,964 लोगों की मौत हो चुकी है. 2015 में ये आंकड़ा 2,990 था.
डॉक्टरों ने बताया कि आमतौर पर स्वाइन फ्लू के मरीज ठंड के मौसम में ज्यादा सामने आते हैं, लेकिन इस बार अगस्त महीने से ही बड़ी संख्या में प्रभावित मरीजों के सामने आने का सिलसिला शुरू हो गया. कई मरीज दवाई के सहारे ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ मामलों में स्वाइल फ्लू की चपेट में आए व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती करना जरूरी हो जाता है.
क्या है स्वाइन फ्लू के लक्षण ?
- स्वाइन फ्लू के लक्षण भी सामान्य एन्फ्लूएंजा जैसे ही होते हैं
- नाक का लगातार बहना, छींक आना
- कफ, कोल्ड और लगातार खांसी
- मांसपेशियां में दर्द या अकड़न
- सिर में भयानक दर्द
- नींद न आना, ज्यादा थकान
- दवा खाने पर भी बुखार का लगातार बढ़ना
- गले में खराश का लगातार बढ़ते जाना
स्वाइन फ्लू वायरस से बचाव के तरीके
- हमें अपने हाथों को समय-समय पर धोना चाहिए. विशेषकर खाना खाने से पहले और शौच के बाद
- अपने मुँह व नाक पर रूमाल या टीशू पेपर से कवर करें, जब भी आप खांस रहे हो या छींक रहे हो
- अपने हाथ अपनी नाकए मुंह व आंखों पर न लगाऐं।
- जिन मरीजों को फ्लू है या इसके लक्षण हैं, उनसे दूरी बना कर रखें
- फेस मास्क को एक बार ही पहने, उसी मास्क को दोबारा प्रयोग में न लाएं
- अगर आपको लगता है कि आपको फ्लू जैसे लक्षण है तो कृपया घर से न निकले