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दिल्ली में दिवाली पर पटाको के बैन पर सवाल उठाने वाले पहले देख ले प्रदूषण लेवल

दिवाली आने से पहले ही दिल्ली की हवा में सांस लेना खतरनाक होता जा रहा है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने नई दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक बरकरार रखी है. अब दीवाली से पहले यहां पटाखों की बिक्री नहीं होगी. बता दें कि इस बार दिवाली 19 अक्टूबर को मनाई जाएगी.  सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पटाखों की बिक्री 1 नवंबर, 2017 से दोबारा शुरू हो सकेगी. इस फैसले से सुप्रीम कोर्ट देखना चाहता है कि पटाखों के कारण प्रदूषण पर कितना असर पड़ता है.

दिल्ली में दिवाली पर पटाको के बैन पर सवाल उठाने वाले पहले देख ले प्रदूषण लेवलवहीं अगर दिवाली से पहले दिल्ली में प्रदूषण स्तर की बात करें तो अभी से ही हवा जहर बन चुकी है. दिल्ली में रियल टाइम एयर क्वॉलिटी इंडेक्स की बात करें तो मंगलवार सुबह सबसे ज्यादा प्रदूषण स्तर आनंद विहार में दर्ज किया. आनंद विहार में पीएम 2.5 का लेवल जहां औसत तौर पर 307 माइक्रोग्राम/घनमीटर के करीब था, जो कि सामान्य लेवल(60) से पांच गुणा ज्यादा था.

वहीं आनंद विहार में पीएम 10 का लेवल सबसे ज्यादा 870 दर्ज किया गया. यह सामान्य स्तर (100) से लगभग 9 गुणा ज्यादा रह रहा है. वहीं मंगलवार सुबह दिल्ली के अन्य इलाकों में पीएम 2.5 का लेवल की बात करें तो शादीपुर में 283, मंदिर मार्ग में 317, न्यू दिल्ली में 179, आईटीओ पर 203, सीरी फोर्ट में 197, द्वारका में 186, आरकेपुरम में 239, डीटीयू में 300 माइक्रोग्राम/घनमीटर दर्ज किया गया.

वहीं सबसे कम प्रदूषण स्तर की बात करें तो वह दिलशाद गार्डन इलाके में दर्ज किया गया. दिलशाद गार्डन में पीएम 2.5 का लेवल 158 माइक्रोग्राम/घनमीटर के करीब रहा. यह नॉर्मल स्तर से लगभग तीन गुणा है और खतरनाक स्तर पर है. ऐसे में सबसे कम प्रदूषण स्तर पर भी दिल्ली में हवा काफी जहरीली बह रही है .

दिवाली में हालात होते हैं और खराब

अगर पिछले कुछ सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो दिवाली के दिन और दिवाली के बाद दिल्ली गैस चैंबर बन जाती है. जहां 2014 में दिल्ली में दिवाली के दिन पीएम 2.5 का लेवल 255 से लेकर 281 माइक्रोग्राम/घनमीटर के बीच रहा. वहीं 2015 में यह 200 से 250 माइक्रोग्राम/घनमीटर के करीब रहा था. 2016 में हालात में कोई सुधार नहीं हुआ और यह 250 से 283 माइक्रोग्राम/घनमीटर के करीब रहा.

साल 2016 में दिवाली के दूसरे दिन कई इलाकों में पीएम 2.5 लेवल सामान्य से 16 गुणा ज्यादा 999 तक पहुंच गया था. 2016 में दिवाली के बाद प्रदूषण का खतरनाक स्तर देखने के बाद ही सुप्रीम कोर्ट को पटाखों पर बैन लगाना पड़ा था.

सुधार की गुंजाइश नहीं, हालात बदतर होने से बचाएगा फैसला

सिस्टम ऑफ एयर क्वॉलिटी एंड वेदर फोरकास्ट‍िंग एंड रिसर्च (सफर) के मुताबिक आनेवाले दिनों में दिल्ली में जल्द प्रदूषण स्तर कम होता नहीं दिख रहा है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उम्मीद जगी है कि हालात पिछली बार की तरह बेकाबू नहीं होंगे. पिछले साल दिवाली के बाद पूरी दिल्ली गैस चैंबर बन गई थी. प्रदूषण की एक मोटी चादर बिछ गई थी. कई दिनों तक लोगों को सांस लेने में दिक्कत हुई थी.

पीएम 10 का लेवल जो कि सामान्य तौर पर 100 माइक्रोग्राम/घनमीटर से ऊपर जाने पर खतरनाक माना जाता है भी दिल्ली में दिवाली के दौरान काफी अधिक रहता है.2014 में दिल्ली में दिवाली के दिन पीएम 10 का स्तर 258 से 284 माइक्रोग्राम/घनमीटर रहा था. वहीं 2015 में 296 से 778 माइक्रोग्राम/घनमीटर के करीब रहा था. वहीं 2016 में 450 से 517 माइक्रोग्राम/घनमीटर के बीच स्तर रिकॉर्ड हुआ था.

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