पाकिस्तान सरकार ने हाफिज पर लगी आतंक रोधी कानून के तहत नजरबंदी की अर्जी
पाकिस्तान सरकार ने जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद को आतंकवाद रोधी कानून के तहत हिरासत बढ़ाने का आग्रह वापस ले लिया है। मुंबई पर आतंकी हमलों का मुख्य साजिशकर्ता 24 अक्टूबर तक हिरासत में है। सरकार ने कहा है कि सार्वजनिक व्यवस्था अध्यादेश 1960 के तहत सईद और उनके चार सहयोगियों की हिरासत बढ़ाई जा चुकी है। इसलिए इन लोगों को आतंकवाद रोधी कानून के तहत नजरबंद रखने की जरूरत नहीं है।
31 जनवरी को सईद और उसके चार सहयोगियों को पंजाब सरकार ने आतंकवाद रोधी अधिनियम 1997 के तहत हिरासत में लिया था। तभी से सभी नजरबंद है। पंजाब प्रांत के गृह विभाग के एक अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस एजाज अफजल खान की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय संघीय न्यायिक समीक्षा बोर्ड को बताया कि सईद और उसके चार साथियों की हिरासत बढ़ाने की जरूरत नहीं है।
अधिकारी ने कहा, ‘प्रांतीय सरकार को सईद और उसके साथियों अब्दुल्ला उबैद, मलिक जफर इकबाल, अब्दुल रहमान आबिद और काजी काशिफ हुसैन की हिरासत आतंकवाद रोधी कानून के तहत बढ़ाने की जरूरत नहीं है। इसलिए अर्जी वापस ली जा रही है।’ सरकार की दलील स्वीकार करते हुए बोर्ड ने मामले का निपटारा कर दिया।
इसलिए अर्जी वापस ली
अर्जी वापस लेने का कारण बताते हुए पंजाब सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पहले ही सईद और उसके चार साथियों की हिरासत 24 अक्टूबर तक बढ़ाई जा चुकी है। सभी को सार्वजनिक व्यवस्था अधिनियम 1960 के तहत हिरासत में रखा गया है। इसलिए उन्हें आतंकवाद रोधी कानून के तहत नजरबंद करने की जरूरत नहीं है।
बोर्ड के सामने पेश हुए सईद
पंजाब सरकार के अधिकारी ने कहा कि हिरासत अवधि बढ़ाने के लिए सईद एवं अन्य को आतंकवाद रोधी कानून 1997 की धारा 11 ईईई (1) और 11डी के तहत पेश किया गया था। अब सभी सार्वजनिक व्यवस्था अधिनियम के तहत हिरासत में हैं। इसीलिए शनिवार को बोर्ड के सामने उन्हें पेश नहीं किया गया।
कई बार बढ़ चुकी है हिरासत
पंजाब गृह विभाग ने 25 सितंबर को सईद एवं अन्य को सार्वजनिक व्यवस्था के तहत नजरबंद रखने की अवधि और 30 दिनों के लिए बढ़ा दिया। पूर्व में 28 जुलाई को जारी आदेश 25 सितंबर को समाप्त हो गया था इसीलिए यह कदम उठाया गया।