रेप केस में गिरफ्तार जैन मुनि ने सलाखों के पीछे काटी बैचेनीभरी रात
19 साल की युवती के साथ रेप केस में गिरफ्तार हुए 49 साल के जैन मुनि शांतिसागर महाराज को लाजपोर जेल भेजा गया है। यहां कल पहली बार उनकी सलाखों के पीछे रात बीती। जेल सूत्रों के मुताबिक, शांति सागर को ना तो जेल में नींद आ रही है ना ही वो खाना खा रहे हैं। बताया जा रहा है कि जैन मुनि बनने के पहले शांति सागर गिरिराज शर्मा हुआ करता था। उसने एक जैन संत के संपर्क में आने के बाद 22 की उम्र में दीक्षा ली। उसके कुछ पुराने जानकारों ने बताया कि वह संत बनने से पहले बेहद मौज-मस्ती भरी जिंदगी जीता था। दीक्षा लेने से पहले शांति सागर मध्य प्रदेश के गुना में रहता था। जब शांति सागर द्वारा किए गए कुकर्म की खबर उसके जानने वालों को लगी तो सब हैरान रह गए। कोई भी यह यकीन नहीं कर पा रहा था कि जैन मुनि बना गिरिराज शर्मा इस तरह की घिनौनी हरकत कर सकता है।
रेप पीड़िता ने पुलिस को बताया कि वो अपने माता-पिता के साथ शांतिसागर के आश्रम गई थी। उसे मुनि ने मंत्र जाप करने के बहाने रात में रुकने के लिए कहा और उसके माता-पिता को वापस भेज दिया। इसके बाद मुनि ने लड़की को धमकाते हुए रेप किया और किसी को बताने पर उसके माता-पिता को मार डालने धमकी भी दी।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जैन मुनि शांति सागर महाराज के पिता सज्जनलाल शर्मा हलवाई थे। वह अपने पिता से अलग ताऊजी के साथ गुना में रहता था। वह नए कपड़े, हेयर स्टाइल और अपने फैशनेबल लुक के लिए दोस्तों के बीच मशहूर था। यही नहीं, उसे क्रिकेट खेलना भी पसंद था। जेल में बंद जैन मुनि शांति सागर महाराज जेल का खाना नहीं खा रहा है। उसने खाने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि उस खाने में प्याज-लहसुन है. हालांकि, जेल प्रशासन ने उसे प्याज-लहसुन रहित खाना मुहैया कराने की कोशिश की, लेकिन खाना नहीं मिल सका।