माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर सीसीटीवी कैमरे, अग्निशमन यंत्र, छात्रों की धारण क्षमता, कमरों की संख्या, फर्नीचर आदि 16 बिंदुओं पर ब्योरा फीड करना था। जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा फीड किए गए ब्योरे का स्थलीय निरीक्षण कर सत्यापन कराया जा रहा है।
साथ ही साथ ब्योरे को अपडेट भी किया जा रहा है। संसाधन के अनुसार विद्यालयों को अंक दिए जाएंगे और अंकों की मेरिट के अनुसार परीक्षा केंद्र बनाने में विद्यालयों को प्राथमिकता मिलेगी। 5 से 8 किलोमीटर दूरी तक के विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा।
इससे पहले जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के परीक्षा विभाग द्वारा परीक्षा केंद्रों का निर्धारण होता था। इसमें जमकर खेल भी होता था। विद्यालय अपने पहचान के स्कूल छात्रों को आवंटित कराते थे। ऑनलाइन प्रक्रिया से इसपर काफी हद तक रोक लगेगी। परीक्षा केंद्र के लिए विद्यालय में सीसीटीवी कैमरा होना अनिवार्य कर दिया है।
ऐसे विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाने की प्रक्रिया में वरीयता दी जाएगी। इसके अलावा विद्यालय की बाउंड्रीवाल, पर्याप्त फर्नीचर, पीने के पानी की व्यवस्था, लाइट की व्यवस्था, अग्निशमन यंत्र होना भी आवश्यक है। एक विद्यालय में कम से कम 300 छात्र और अधिकतम 1200 छात्र ही परीक्षा दे सकेंगे।
डीआईओएस डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि जिन बिंदुओं को लेकर विद्यालयों का ब्योरा ऑनलाइन फीड कराया गया था, उन बिंदुओं को लेकर उनका सत्यापन कराया गया है। जहां त्रुटि है वहां सुधार कराया जा रहा है। ताकि मानक के अनुसार ही परीक्षा केंद्र बन सकें। उन्होंने बताया कि जिन विद्यालयों ने ब्योरा छिपाया है या नहीं दिया है उन्हें परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा।