बहाउल्लाह की शिक्षाएं विश्व को एकता के सूत्र में पिरोयेंगी -डा. गांधी
लखनऊ : बहाई धर्म पूरे विश्व से मतभेद समाप्त कर एक शान्तिमय एवं खुशहाल विश्व समाज की परिकल्पना पर अवलम्बित है। यह विश्व का ऐसा धर्म है जो कि सारी दुनिया को प्रेम, एकता एवं आध्यात्मिकता के पवित्र सूत्र में बांधने के लिए कार्य कर रहा हैं। यह विचार हैं प्रख्यात शिक्षाविद् एवं बहाई अनुयायी डा. जगदीश गाँधी के, जो आज यहाँ लालबाग स्थित बहाई हाउस में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में बहाई धर्म के संस्थापक बहाउल्लाह के 200वें जन्मदिवस समारोह पर पत्रकारों को जानकारी दे रहे थे। पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि धर्म हमें एकता व शान्ति से रहने की प्रेरणा देता है। धर्म को लेकर लोगों का अपना-अपना नजरिया है परन्तु मूल बात यह है कि धर्म के मर्म को हम सही अर्थों में जानें, समझें व उस पर अमल करें। इस वर्ष प्रभु बहाउल्लाह के 200वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य में ‘द्विशताब्दी समारोह’ मनाया जा रहा है, मुझे विश्वास है कि इसका आध्यात्मिक प्रकाश सर्वत्र फैलेगा और समाज में मित्रता व सद्भावना का वातावरण निर्मित होगा। विदित हो कि आगामी 12 नवम्बर को बहाई धर्म के संस्थापक ‘बहाउल्लाह’ का 200वाँ जन्मदिवस है एवं विश्व भर के बहाई अनुयायी वर्ष 2017 को द्विशताब्दी समारोह के रूप में मना रहे हैं। इसी कड़ी में स्थानीय बहाई आध्यात्मिक सभा, लखनऊ के तत्वावधान में बहाउल्लाह का 200वां जन्म दिवस समारोह लखनऊ भर में प्रतिदिन मनाया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत ईश्वर भक्ति से परिपूर्ण आध्यात्मिक गीतों, भजनों एवं प्रार्थना आदि का आयोजन किया जा रहा है। इसके साथ ही बहाई विद्वान प्रभु बहाउल्लाह के दिव्य जीवन एवं उनकी आध्यात्मिक शिक्षाओं से जनमानस को अवगत करा रहे हैं।
प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए डा. जगदीश गांधी ने बताया कि बहाउल्लाह के 200वें जन्म दिवस समारोह हेतु देश की प्रख्यात हस्तियों ने अपने शुभकामना संदेश भेजे हैं। राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने अपने संदेश में कहा है कि बहाई समुदाय द्वारा किये गये कार्य आशान्वित करते हैं कि एकता का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संदेश में कहा है कि बहाई धर्म विश्व समाज को सार्वभौमिक भाईचारे का संदेश देता है। बौद्ध धर्म के प्रवर्तक दलाई नामा ने कहा है कि बहाई धर्म आध्यात्मिकता एवं आधुनिकता में सौहार्द स्थापित करता है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने अपने संदेश में कहा है कि बहाई धर्म की विचारधारा ‘सम्पूर्ण धरती एक देश है और सम्पूर्ण मानवता इसके नागरिक’ आज के परिप्रेक्ष्य में बहुत प्रासंगिक है। पूर्व उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ने अपने संदेश में कहा है कि ‘हमारे महान देश में सभी धर्मों के लोग शान्तिपूर्वक मिलजुलकर रहते हैं’। लोकसभा अध्यक्षा सुमित्रा महाजन ने कहा है कि ‘बहाई धर्म मानव मात्र की एकता पर जोर देता है’ जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संदेश में कहा है कि ‘बहाई समुदाय वसुधैव कुटुम्बकम में विश्वास रखता है एवं इस अवधारणा को अपनाकर ही समाज में सौहार्द और समरसता स्थापित की जा सकती है’।
पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए बहाई अनुयायी अरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि मानव मात्र के उत्थान हेतु बहाउल्लाह के रूप में एक किरणपुंज प्रकाशित हुई थी, जिनका 200वाँ जन्मदिवस समारोह इस वर्ष मनाया जा रहा है। बहाउल्लाह ने 27 वर्ष की उम्र में ही भौतिकतावाद की प्रचलित कुरीतियों के विरुद्ध आवाज उठाना शुरू कर दिया था। उन्होंने कहा था कि जब तक लोग पूर्वाग्रहों, रूढ़ियों और अंधविश्वासों से चिपके रहेंगे तब तक पृथ्वी पर शांति व एकता स्थापित नहीं हो सकती। स्थानीय बहाई आध्यात्मिक सभा, लखनऊ की सेक्रेटरी फरीदा वाहेदी ने बताया कि 20 अक्टूबर से 12 नवम्बर तक विश्व के 240 देशों में प्रभु बहाउल्लाह के जन्मदिवस का द्विशताब्दी समारोह पूरे उत्साह से मनाया जा रहा है जबकि लखनऊ में 23 कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। ये सभी कार्यक्रम बहाई धर्म की शिक्षाओं को जानने व समझने का अनूठा अवसर है।