जीवनशैली

घर में पालतू पशु हो तो बच्चे बनते हैं जिम्मेदार : शोध

नई दिल्ली : हमारी बदलते समाज में पारिवारिक ढांचा संयुक्त परिवार से बदलकर अब एकल परिवार में तब्दील हो गया है। बढ़ती महंगाई और खर्चों के कारण अब माता-पिता दोनों काम करते हैं और इस कारण उन्हें ज्यादातर समय घर से बाहर ही रहना पड़ता है। ऐसे में बच्चे, विशेषकर अकेला बच्चा, खुद को अकेला और उपेक्षित महसूस करता है। ज्यादातर मामलों में माता-पिता अपने बच्चों के साथी के तौर पर पालतू पशु को चुनते हैं। एक पालतू जानवर बच्चे के भाई-दोस्त या परिवार के सदस्य की जगह नहीं ले सकता, लेकिन यह बच्चे के इमोशनल खालीपन को जरूर भर सकता है। जब बच्चा किसी पशु के साथ बड़ा होता है, तो वह कई चीजें सीखता है। ज्यादातर माता-पिता अपने बच्चों को मजबूत बनना सिखाते हैं। लेकिन जब एक बच्चा घर में किसी पशु के साथ बड़ा होता है तो वह ज्यादा संवेदनशील होता है। चार साल के बच्चे की मां इशिता बताती हैं, मेरा बेटा चार साल का है, लेकिन जब हमारे कुत्ते को दर्द होता है, तब वह समझ जाता है। पालतू जानवरों के साथ वक्त बिताने का एक अन्य फायदा यह होता है कि बच्चे ज्यादा चौकन्ना रहना सीख जाते हैं। पुलकित की 11 वर्षीय बेटी है। वह बताते हैं, मेरी बेटी को पता होता है कि कब मेरा कुत्ता भूखा है या कब वह घूमने के लिए बाहर जाना चाहता है।

पालतू जानवरों की देखभाल करते वक्त संवेदनशील और चौकन्ना रहने की जरूरत होती है और पशुओं के साथ वक्त बिताते हुए बच्चे कम उम्र में ही इन गुणों को अपना लेते हैं। इससे बच्चे जिम्मेदार बनना सीखते हैं। छह साल की बेटी की मां चारु भोज बताती हैं, जब मैंने अपनी बेटी को अपने घर लाए कुत्ते से परिचित करवाया, तो उसे ऐसा लगा कि उसे अपना बच्चा मिल गया है और इसी तरह वह उसका ख्याल भी रखती है। पशुओं का साथ बच्चों को जिम्मेदार बनना सिखाता है, क्योंकि वह अपने प्यारे पशु की सभी जरूरतों का ख्याल रखते हैं। यदि बच्चे को उसके पालतू पशु के खाने, घुमाने और डॉक्टर से समय लेने जैसी जिम्मेदारी दे दी जाए, तो वह अपने काम को लेकर बहुत सतर्क हो जाता है। बच्चों को जिंदगी और मौत की अवधारणा के बारे में समझाना बहुत मुश्किल होता है। पशुओं के साथ रखकर उन्हें जिंदगी और मौत के चक्र के बारे में भी बताया जा सकता है। बच्चे अपने पालतू जानवर के जीवन का हर पड़ाव देखते हैं। वह उसके बचपन से लेकर उसे बड़ा होते हुए और फिर वृद्धावस्था में जाने के बाद उसकी मृत्यु को भी देखते हैं। उनकी यह जिंदगी और मौत हमें इंसान के जीवन के पूरे चक्र के बारे में बताती है।

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