यशवंत सिन्हा ने मोहम्मद तुगलक से की मोदी की तुलना
![](https://dastaktimes.org/wp-content/uploads/2017/11/yashwant-sinha.jpg)
अहमदाबाद : पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा सरकार के नोटबंदी और जीएसटी के फैसलों पर लगातार हमलावर बने हुए हैं। ‘लोकशाही बचाओ आंदोलन’ से जुड़े कार्यकर्ताओं के नोटबंदी तथा जीएसटी के प्रभाव और अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति पर आयोजित कार्यक्रम में यशवंत सिन्हा ने नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जम कर निशाना साधा। उन्होंने मोदी की तुलना मोहम्मद तुगलक से करते हुए कहा इस निर्णय ने अर्थव्यवस्था को बहुत पीछे ढ़केल दिया है। सिन्हा ने कहा नोटबंदी ने देश की अर्थव्यवस्था को 3.75 लाख करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा बहुत सारे ऐसे शहंशाह (राजा) हुए हैं जो अपनी मुद्रा लेकर आए। कुछ ने नई मुद्रा को चलन में लाने के साथ-साथ पहले वाली मुद्रा का भी चलन जारी रखा। लेकिन 700 साल पहले शहंशाह मोहम्मद बिन तुगलक ने नई मुद्रा शुरू की और पुरानी मुद्रा के चलन को समाप्त कर दिया। इसके साथ ही वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) की त्रुटियां बताते हुए उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि जीएसटी से लोगों को बहुत कठिनाइयां हो रही हैं। लोगों को अरुण जेटली से वित्तमंत्री पद से इस्तीफा देने की मांग करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जेटली गुजरात की जनता पर बोझ हैं। जेटली गुजरात से राज्यसभा के सदस्य हैं।
मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना करते हुए सिन्हा ने आरोप लगाया कि सभी पहलुओं पर विचार किए बिना जीएसटी को लागू कर दिया गया है। पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री सिन्हा ने कहा भारतीय अर्थव्यवस्था को नोटबंदी और जीएसटी के रूप में एक के बाद एक दो झटके लगे। सिन्हा को ‘लोकशाही बचाओ आंदोलन’ से जुड़े कार्यकर्ताओं ने नोटबंदी तथा जीएसटी के प्रभाव और अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए गुजरात आमंत्रित किया था। सिन्हा ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा हमारे वित्त मंत्री गुजरात से नहीं हैं। वह यहां से राज्यसभा में चुने गये हैं। वह गुजरात की जनता पर बोझ हैं। अगर उन्हें यहां से नहीं चुना जाता तो एक गुजराती को मौका मिलता। उन्होंने कहा वित्त मंत्री केवल एक व्यवस्था में विश्वास करते हैं कि चित्त भी मेरी, पट्ट भी मेरी। सिन्हा ने कहा अगर जीएसटी की दरें तय करते समय इस तरह की विसंगतियों से बचा जा सकता था।