60 सालों में पहली बार विश्वकप फुटबॉल में नहीं दिखेगी इटली
इटली की टीम पिछले 60 सालों में पहली बार फीफा विश्व कप फुटबॉल -2018 के लिए क्वॉलिफाई करने में असफल रही है। वहीं दूसरी ओर, स्वीडन की टीम 2006 के बाद पहली बार विश्व कप में नजर आयेगी। विश्व कप में प्रवेश के लिए उसे स्वीडन को हराना था पर वह असफल रही। स्टॉकहोम में खेले गए इस मुकाबले में इटली की ओर से कोई गोल नहीं हो सका था, जबकि विजेता स्वीडन के लिये स्थापन्न खिलाड़ी जैकब योहानसन ने 61वें मिनट में पहला गोल दागा।
वहीं, दूसरे मुकाबले में दोनों टीमों के बीच कड़ी टक्कर दिखी, पर एक भी गोल नहीं हो सका। जैसे ही मैच खत्म होने की घोषणा हुई इटली के खिलाड़ी निराश होकर रोने लगे। वहीं दूसरी ओर स्वीडन के खिलाड़ी और प्रशंसक जश्न में डूब गए। स्टेडियम में इटली के प्रशंसक बड़ी संख्या में मौजूद रहे और उन्हें अपनी टीम की जीत का भरोसा था जो टूट गया। इससे पहले 1958 में भी इटली विश्व कप में क्वॉलिफाई करने में असफल रही थी। फुटबॉल इतिहास पर नजर डाली जाए तो यह तीसरा मौका है, जब इटली विश्व कप क्वॉलिफाई नहीं कर सका। 1930 में विश्व कप शुरु होने पर पहली बार यह टूर्नामेंट खेला गया था।
क्रोएशिया पांचवीं बार विश्वकप खेलेगा
वहीं क्रोएशिया ने साल 2018 में रुस में होने वाले फीफा विश्वकप फुटबॉल के लिए क्वालीफाई कर लिया है। क्रोएशिया ने यूनान को गोलरहित ड्रॉ पर रोककर इस मुकाबले के लिए क्वालीफाई किया। क्रोएशिया पांचवीं बार विश्वकप खेलेगा। इससे पहले वह 2010 में क्वालीफाई नहीं कर पाया था। टीम के कोच ज्लाटको डालिच ने कहा,‘पिछला मैच अच्छा था पर यह कठिन मैच रहा। यदि पहले चरण में एक गोल से जीत नहीं मिली होती तो हमारी राह कठिन हो जाती।’
इसके अलावा विश्वकप की इनामी धनराशि 12 फीसदी बढ़ाकर 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 2603 करोड़ रुपए) कर दी गई है। फीफा काउंसिल की बैठक में यह फैसला लिया गया है। वहीं 2014 के संस्करण के लिए इनामी धनराशि 358 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 2329 करोड़ रुपए) थी। फीफा अध्यक्ष गियानी इंफेंटिनो की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में और भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए थे। काउंसिल ने 2026 के विश्वकप के लिए बोली लगाने के नियम बनाने के फैसले में भी सुधार किया है। काउंसिल ने फीफा की सामाजिक विकास संबंधी गतिविधियों के लिए फीफा फाउंडेशन की स्थापना की घोषणा की है।