क्रिकेट के भगवान ने कहा- इस सपने को सच करने में लग गए 21 साल
इंटरनेशनल क्रिकेट में 100 शतक लगाने का रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले तेंदुलकर ने कहा, ‘आप देखेंगे कि तीन साल का बच्चा भी कंप्यूटर अच्छे से चला लेता है। उसे पता है कि क्या करना है। मोबाइल फ़ोन से वो कॉल या फिर मैसेज भेज सकता है। इन सभी फैंसी गैजेट्स से उसे नई दिशा मिल रही है।’
मास्टर ब्लास्टर ने साथ ही कहा कि सभी दिन चिल्ड्रन्स डे हैं क्योंकि बच्चे विशेष हैं। उन्होंने कहा, ’20 नवंबर एक दिन है जब बच्चे अपने आप को अभिव्यक्त कर सकते हैं, लेकिन फ्रीडम से जिम्मेदारी भी आती है। मेरे हिसाब से 365 दिन चिल्ड्रन डे है।’
इस मौके पर अपने पहले इंटरनेशनल क्रिकेट मैच को याद करते हुए तेंदुलकर ने कहा, ‘मैं तब 16 साल का था, जब पाकिस्तान गया और इसके बाद 24 साल तक खेलता रहा। इस बीच मैंने भी उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन मैं हमेशा अपने सपने के पीछे भागता रहा। मेरे क्रिकेट करियर का सबसे बड़ा क्षण 2011 में विश्व कप जीतना रहा, जिसके लिए मैंने 21 साल तक इंतजार किया।’
2013 में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने वाले तेंदुलकर ने एक प्रदर्शनी मैच में दोबारा बल्ला हाथ में लिया और विशेष बच्चों के साथ क्रिकेट खेला।