भगवान कृष्ण ने दिया है प्रकृति पूजन का संदेश
कथा व्यास गोविन्द शास्त्री ने सुनाया गोवर्धन प्रसंग, भगवान श्याम को लगा छप्पन भोग
लखनऊ : गोमती तट डालीगंज पर स्वामी नारदानन्द सरस्वती द्वारा स्थापित ऋषि आश्रम में गुरुवार को 62वें वार्षिकोत्सव में गोवर्धन प्रसंग की महिमा कही गई। इस अवसर पर गाय के गोबर से गोवर्धन बनाकर उसकी आराधना की गई और भगवान श्याम को छप्पन भोग भी लगाया गया। कथा व्यास गोविन्द शास्त्री ने संदेश दिया कि भगवान कृष्ण गोवर्धन लीला के माध्यम से लोगों को संदेश दिया कि वह देवताओं के क्रोध से डरे नहीं बल्कि प्रकृति को पूज्य मानते हुए उसकी अराधना करें। उन्होंने कथा के पांचवे दिन गोवर्धन प्रसंग पेश किया। इसमें गाय के गोबर, रूई, फूलों और पत्तियों से गोवर्धन बनाकर उसका पूजन अनुष्ठान किया गया। गुरुवार को ही पूतना और संकटासुर के वध के बाद माखन लीला का मनोरम वर्णन किया। बाल प्रसंग के चलते परिसर को रंगबिरंगे गुब्बारों और झालरों से सजाया गया। भक्तों ने राधा कृष्ण हरे हरे का संकीर्तन भी झूमते हुए किया। संचालक अनिल शास्त्री जी ने बताया कि सुबह 9 से 11 बजे तक सात्विक विष्णु महायज्ञ का भी आयोजन किया गया है। यह आयोजन 25 नवम्बर तक चलेगा।
26 को हनुमत प्राण प्रतिष्ठा समारोह
संचालक अनिल शास्त्री ने बताया कि 26 नवम्बर को हनुमत प्राण प्रतिष्ठा समारोह दोपहर 12 बजे से होगा। उन्होंने बताया कि 65 साल पहले जगदाचार्य पूज्य गुरुदेव भगवान नारदानन्द सरस्वती जी महाराज ने जगदाचार्य स्वामी नारदानंद सरस्वती पंच देव मंदिर और ऋषि आश्रम की स्थापना डालीगंज टैगोर मार्ग पर की थी।