ये हैं भारत के सबसे कम वेतन लेने वाले 10 मुख्यमंत्री
हमारे देश के नेताओं को लेकर अक्सर हमारी सोच यही होती है कि नेता मतलब धनवान. नेताओं को सैलरी के तौर पर अच्छे खासे पैसे मिलते होंगे. मिलते भी हैं इसमें कोई शक की बात नहीं है. लेकिन आज हम आपको अपने देश के 10 ऐसे मुख्यमंत्रियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी सैलरी जानकर आप हैरान हुए बिना नहीं रह पाएंगे. इनकी सैलरी उनके काम के हिसाब से इतनी कम है कि किसी के लिए भी यकीन करना मुश्किल सा लगता है. लेकिन ये सच है.
देश के उन मुख्यमंत्रियों के बारे में जानने के लिए आप इस पूरी खबर को विस्तार से पढ़ें.
आपको यकीन हो जाएगा कि नेता लोग भी इतनी कम सैलरी ले सकते हैं.
मुख्यमंत्री जो कम सैलरी लेते है –
1. माणिक सरकार
माणिक सरकार त्रिपुरा के मुख्यमंत्री हैं. सबसे कम वेतन लेने वाले मुख्यमंत्रियों की लिस्ट में इनका स्थान सबसे ऊपर है. जितना वेतन ये लेते हैं उसके बारे में आप सपने में भी नहीं सोच सकते. जी हां दोस्तों त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार वेतन के रूप में सिर्फ और सिर्फ 5,000 रुपए लेते हैं जो कि किसी भी मुख्यमंत्री की सैलरी से काफी कम है.
2. लक्ष्मीकांत जी
लक्ष्मीकांत जी गोवा के मुख्यमंत्री हैं. वेतन के नाम पर हर महीने के सिर्फ 20,000 रुपए लेते हैं गोवा के मुख्यमंत्री.
3. वसुंधरा राजे
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सैलरी के तौर पर मात्र 25,000 रुपए महीने के लेती हैं.
4. रमन सिंह
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह की सैलरी मात्र 30,000 रुपए महीने की है.
5. मनोहर लाल खट्टर
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सैलरी 45,000 रुपए महीने की है.
6. शिवराज सिंह
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की सैलरी 47,000 रुपए प्रति महीने है.
7. देवेंद्र फडनवीस
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र गंगाधरराव फडणवीस को राजनीति विरासत में मिली. इसके बावजूद उन्होंने अपने कार्य प्रणाली से अलग ही पहचान बनाई. देवेंद्र फडणवीस की सैलरी मात्र 56,500 रुपए प्रति महीने है.
8. आनंदीबेन पटेल
गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की मासिक सैलरी मात्र 64,000 रुपए है.
9. वीरभद्र सिंह
हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह एक दो बार नहीं बल्कि 6 बार इस राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं. इनका मासिक वेतन मात्र 75,000 रुपए है.
10. जयललिता
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता का निधन हो गया है. वेतन के तौर पर जयललिता मात्र 81,500 रूपय ही लेती थी. जयललिता की खासियत थी कि वो हमेशा अपनी मेहनत की कमाई पर विश्वास रखने वाली थी. उन्होंने अपने कार्य प्रणाली के बदौलत ना सिर्फ तमिलनाडु में बल्कि देश भर में अपनी अलग ही पहचान बनाई थी. अपने जनता के दिल में जयललिता ने जो जगह बनाई थी वो शायद ही किसी मुख्यमंत्री ने आज तक बनाई हो. तमिलनाडु की हर जनता अपनी चहेती मुख्यमंत्री को अम्मा कह कर पुकारते थे. आज भी वहां की जनता के दिलों पर जयललिता राज करती हैं. और आगे भी करती रहेंगी.
दोस्तों देश भर के अलग-अलग राज्यों के ये मुख्यमंत्री ऐसे हैं जो अपनी मेहनत पर विश्वास रखते हैं. इतनी कम सैलरी लेने के बावजूद जनता-जनार्दन की सेवा जी-जान से करते हैं. भारत देश को ऐसे नेता की आवश्यकता है जो देश की जनता को अपना समझे और उनकी हर जरूरत के समाधान के बारे में सोच पाने में समर्थ हो.साथ ही उसे अमल भी करे. तभी देश प्रगति की ओर तेज रफ्तार से बढ़ सकेगा. तभी देश की हर जनता सुखी पूर्वक अपना जीवन व्यतीत कर सकेंंगे.