निकाय चुनाव : इन जिलों में जमानत भी नहीं बचा पाई सपा की साइकिल
मेयर के चुनाव में इन जिलों में मिली करारी हार
-के पी त्रिपाठी
मेरठ। नगर निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी से कोई उम्मीदवार महापौर नहीं बन पाया। पश्चिम उप्र के सभी जिलों में पार्टी को करारी हार का सामना करना पडा है। मेरठ, गाजियाबाद, सहारनपुर अलीगढ और मुरादाबाद में महापौर पद के उम्मीदवार अपनी जमानत तक जब्त करवा बैठे। मेरठ हो या गाजियाबाद। इन जिलों में साइकिल कहीं भी मेयर पद की दौड में आसपास भी नहीं दिखी।
पदाधिकारियों ने नहीं दिखाई चुनाव में दिलचस्पी
चुनाव की घोषणा होने के बाद सपा के शीर्ष नेतृत्व ने भी निकाय चुनाव में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। पार्टी का कोई बडा नेता निकाय चुनाव में प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करने के लिए नहीं निकला। दूसरी तरफ टिकट बंटवारे को लेकर भी पार्टी कार्यकर्ताओं के भीतर जबरदस्त असंतोष दिखाई दिया। मेरठ में पूर्व विधायक शाहिद मंजूर और अतुल प्रधान को समाजवादी का चेहरा माना जाता है। लेकिन पूरे चुनाव के दौरान दोनों नेताओं ने न तो किसी प्रत्याशी के समर्थन में जनसभाएं की और न लोगों के बीच वोट मांगने के लिए प्रचार किया। यहां तक कि स्थानीय पदाधिकारियों ने भी प्रत्याशियों से दूरी बनाए रखी।
हार के जिम्मेदार अखिलेश
प्रत्याशियों ने भी हारे के बाद प्रत्याशियों ने इसका ठीकरा पार्टी पदाधिकारियों और बडे नेताओं पर फोड दिया। मेरठ में समाजवादी पार्टी से महापौर प्रत्याशी दीपू मनोठिया के पति विपिन मनोठिया ने पार्टी के पदाधिकारियों पर हार का ठीकरा फोड़ा। दीपू के पति विपिन के मुताबिक पार्टी का कोई भी बड़ा नेता प्रचार में शामिल नहीं हुआ। तीन वॉर्डों में जहां करीब 17 हजार वोट थे, वहां से कोई सपोर्ट नहीं मिला। अब उन्होंने इस मुद्दे को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में उठाने की बात कही है। समाजवादी पार्टी से महापौर प्रत्याशी दीपू मनोठिया के पति विपिन मनोठिया ने पार्टी के पदाधिकारियों पर हार का ठीकरा फोड़ा। विपिन मनोठिया का कहना है कि अगर अखिलेश यादव चुनाव प्रचार में उतरते तो पार्टी की इतनी दुर्गति न होती।
इन जिलों में तीसरे नंबर पर रही पार्टी
समाजवादी पार्टी से मेयर पद की उम्मीदवार दीपू मनोठिया 47153 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रही। इसी तरह सहारनपुर से मेयर पद के उम्मीदवार साजिद 10701, अलीगढ से मुजाहिद किदवई 16510 और मुरादाबाद से मौ0 यूनिस 47740 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे। गाजियाबाद में तो पार्टी का प्रदर्शन इतना खराब रहा कि वहां चौथे स्थान पर रहकर उम्मीदवार को संतोष करना पडा। गाजियाबाद में पार्टी उम्मीदवार राशि गर्ग को 40623 वोट ही मिले।