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जान खतरे में डालकर सीप्लेन में सवार हुए थे पीएम नरेंद्र मोदी?

अंबाजी/अहमदाबाद. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साबरमती नदी से सीप्लेन में सवार होकर मेहसाणा जिले के धरोई बांध के लिए मंगलवार को उड़ान भरी और उन्होंने प्रसिद्ध अंबाजी मंदिर में पूजा-अर्चना की. गुजरात विधानसभा के लिए चुनाव प्रचार का मंगलवार को अंतिम दिन था. लेकिन पीएम ने अंबाजी मंदिर जाने के लिए जिस सीप्लेन की सवारी की उसमें सुरक्षा से जुड़े मानकों का पालन नहीं किया गया था.जान खतरे में डालकर सीप्लेन में सवार हुए थे पीएम नरेंद्र मोदी? 

मोदी की सीप्लेन यात्रा में बहुत से कई ऐसे नियम हैं जिनका पालन नहीं किया गया. मंगलवार को साबरमती रिवर फ्रंट से मेहसाणा जिले के धरोई बांध तक सीप्लेन में यात्रा करने के बाद पीएम मोदी भारत के पहले ऐसे प्रधानमंत्री बन गए हैं, जिन्होंने किसी अमेरिकी रजिस्टर्ड एयरक्राफ्ट में विदेशी पायलट के साथ यात्रा की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोडिएक 100 सीप्लेन की यात्रा में बहुत सी खामियां थीं. ये एयरक्राफ्ट सिंगल इंजन विमान था, मतलब, अगर एकमात्र इंजन किसी वजह से फेल हो जाता तो बड़ा खतरा पैदा हो सकता था. सूत्र बता रहे हैं कि इन सुरक्षा मानकों को पीएम के समक्ष उठाया भी गया लेकिन उन्होंने इसे खुद ही नजरअंदाज किया और जोखिम भरी यात्री पूरी की.

बता दें कि 1981 के डीजीसीए हवाई सुरक्षा सर्कुलर के मानदंडों के मुताबिक किसी VVIP की हवाई यात्रा में उस प्लेन में डबल इंजन होना जरूरी है. सर्कुलर के पहले नियम 1.1 के मुताबिक, ‘VVIP की हवाई यात्राओं के लिए डबल इंजन की सुविधा वाले, भरोसेमंद और अच्छे परिचालन क्षमता वाले विमान का ही उपयोग किया जाना चाहिए.’ इसके साथ ही अगर पीएम किसी आधिकारिक दौरे पर होते हैं तो वह केवल इंडिया एयरफोर्स और एयर इंडिया के प्लेन से ही यात्रा करते हैं. इसके अलावा अगर प्रधानमंत्री किसी अनौपचारिक यात्रा पर भी जा रहे होते हैं तब भी यह नियम लागू होता है.

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