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सुहैब इलियासी पत्नी की हत्या मामले में 17 साल बाद आया फैसला, हुई उम्रकैद

नई दिल्ली. सुहैब इलियासी केस में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. सुहैब इलियासी को कोर्ट ने  उम्रकैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने सुहैब पर 2 लाख का जुर्माना भी लगाया है. जिरह में सरकारी वकील ने सुहैब इलियासी के लिए फांसी की सजा की मांग की थी. वहीं, सुहैब के वकील ने कोर्ट में 3 फैसलों का उदाहरण देते हुए कम से कम सजा का अनुरोध किया था. उन्होंने कहा कि सुहैब व्यथित और मानसिक रूप से परेशान था इसलिए उसे मृत्युदंड न दिया जाए क्योंकि ये सजा दुर्लभ से दुर्लभ मामलों में ही मिलती है. सुहैब इलियासी पत्नी की हत्या मामले में 17 साल बाद आया फैसला, हुई उम्रकैद

सुहैब के वकीलों ने 1992 के राजेंद्र प्रसाद केस का हवाला दिया और एक अमेरिकी कोर्ट के फैसले का भी जिक्र किया. वहीं, कोर्ट में सजा पर जिरह शुरू होने से पहले सुहैब इलियासी ने जज से कहा कि मैं निर्दोष हूं. बता दें कि दिल्ली की कडकड़डूमा कोर्ट ने 16 दिसंबर 2017 को पूर्व टीवी धारावाहिक निर्माता सुहैब इलियासी को 17 साल पहले चाकू घोंपकर पत्नी की हत्या के मामले में आज दोषी ठहराया था. अडिश्नल सेशन जज एस के मल्होत्रा ने यह आदेश दिया.

सुहैब को आईपीसी के तहत हत्या का दोषी ठहराया गया. उनको इस मामले में कम-से-कम आजीवन कारावास की सजा हो सकती है. दोषी ठहराये गए निर्माता के वकील मनु शर्मा ने कहा था कि अदालत सजा को लेकर 20 दिसंबर को दलील सुनेगी. प्रमुख गवाह और अंजू की मां रुकमा सिंह के वकील सत्येंद्र शर्मा ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने अगस्त 2014 में व्यवस्था दी थी कि सुहैब पर पत्नी की हत्या का मामला चलेगा.

अंजू को 11 जनवरी, 2000 को घायलावस्था में अस्पताल ले जाया गया था. उनके शरीर पर चाकू के निशान थे. ‘इंडियाज मोस्ट वांटेड’ की एंकरिंग के जरिये सुर्खियां बटोरने वाले सुहैब को 28 मार्च, 2000 को गिरफ्तार किया गया था. सास और ससुराल पक्ष के अन्य रिश्तेदारों ने उस पर दहेज के लिए पत्नी को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद उस पर मुकदमा चलाया गया था.

 
 
 

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