देहरादून: राज्य में अब मीडिया पर पाबंदी की तैयारी शुरू हो गई है। शासन यानी सचिवालय स्तर पर खबरों की खोज के दायरे को सीमित कर दिया गया है। अब शासन के कामकाज और विकास कार्यों के लिए बनने वाली कार्ययोजनाओं पर मीडिया सीधे निगाह नहीं रख सकेगा। सरकार हर दिन अब सूचना महानिदेशक के जरिये जरूरी सूचनाएं मुहैया कराएगी। सचिवालय व सत्ता के गलियारों में पत्रकारों की धमक पर सरकार ने जीरो टॉलरेंस का रुख अख्तियार कर लिया है।
भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का दावा कर रही सरकार ने सरकारी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता को लेकर टॉलरेंस जीरो करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। इसके तहत अब शासन स्तर से मिलने वाली सूचनाओं को लेकर रुख सख्त किया गया है। सचिवालय में पत्रकार वार्ता में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि सरकार सभी मीडिया कर्मियों को सही व आधिकारिक जानकारी देना चाहती है। इसके लिए नई व्यवस्था बनाई गई है। अब हर दिन दोपहर चार बजे सूचना निदेशक सचिवालय में मीडिया से रूबरू हो शासन और महकमों में विकास संबंधी गतिविधियों और अन्य सूचनाओं को मुहैया कराएंगे।
दरअसल, बीते दिनों मुख्य सचिव की ओर से जारी आदेश को सचिवालय में अनुभागों में बाहरी लोगों व मीडिया के प्रवेश को प्रतिबंधित करने की दिशा में उठाए गए कदम के तौर पर देखा जा रहा है। आदेश में यह कहा गया कि मंत्रिमंडल की बैठकों से पहले कई बार इसके विषय मीडिया के जरिये बाहर आ रहे हैं। इनकी गोपनीयता बनाने के लिए संबंधित विभाग व अधिकारी अपने स्तर से कदम उठाएं।
इसके साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि नियमानुसार किसी भी बाहरी व्यक्ति को कर्मचारियों से कार्यालय में नहीं मिलने दिया जाएगा। केवल आवश्यक मामले में रिसेप्शनिस्ट के जरिये अधिकारी व कर्मचारियों से मिलने के लिए रिसेप्शन पर बुलाया जाएगा।
इस आदेश के पीछे हवाला मंत्रिमंडल की बैठकों का दिया जा रहा है। कहा जा रहा है कि इन बैठकों के निर्णय लीक होने के कारण मंत्रिमंडल में नाराजगी है। इस कारण सचिवालय के कार्यालयों में प्रवेश प्रतिबंधित किया जा रहा है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने कहा कि अनधिकृत सूचना से मीडिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं तो मंत्रिमंडल की गोपनीयता भी भंग होती है। इसी वजह से अनुभागों व कार्यालयों में बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश रोकने का निर्णय लिया गया है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार के इस कदम से मीडिया की स्वतंत्रता व कार्य पर विपरीत असर पड़ने नहीं दिया जाएगा।