देवबंदी उलमा ने लगाया समाज के भगवाकरण का आरोप, हज हाउस पर केसरिया पुताई से भड़के
सहारनपुर। लखनऊ स्थित हज हाऊस को प्रदेश सरकार द्वारा भगवा रंग से पुतवाने पर देवबंद उलमा ने नाराजगी जताई है। उन्होंने सरकार पर एक मजहब के धार्मिक रंग को सरकारी कार्यालयों पर थोपने का आरोप लगाया। शुक्रवार को दारुल-उलूम जिकरिया के मोहममिम मौलाना मोहम्मद शरीफ खान कासमी ने कहा कि भगवा रंग एक मजहब से संबंधित है, जबकि हज हाऊस का रिश्ता मुसलमानों से है।
सरकार को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि वह कोई ऐसा काम न करे, जिससे मुसलमानों की भावनाएं आहत होती हों। कासमी ने कहा कि हज हाऊस की दीवारें सफेद और हल्के हरे रंग में रंगी हुई थी, लेकिन अब इसकी दीवारों पर भगवा रंग चढ़ा दिया गया है। एतराज जताया कि भगवा रंग अब सरकारी विभागों के सिर चढ़कर बोल रहा है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार के पास कोई एजेन्डा नहीं है, इसलिए वह ऐसे मामलात को उछाल रही है।
हर समुदाय का ध्यान रखना चाहिए
लखनऊ के शहर काजी मुफ्ती इरफान मियां फरंगी महली ने कहा कि सरकार को हर समुदाय की भावनाओं का ध्यान रखना चाहिए। कोई ऐसा काम न करें, जिससे किसी धर्म विशेष की भावनाएं आहत हों। इमारतों का रंग बदलने से विकास नहीं होगा। वहीं, मरकजी शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने कहा कि दीवारें भगवा रंगवाने से विकास नहीं होगा। भगवाकरण के नाम पर समाज को बांटने का काम किया जा रहा है, यह गलत है।