
आज जहां देखो अपराध के मामले बढ़ते जा रहे हैं। अपराध करने के बाद अपराधी को पकड़ना कई बार काफी मुशि्कल होता है। अपराध बढ़े न, इसके लिए अपराधियों को काबू में करना भी जरूरी है। इसके कई उपाय भी किए गए हैं। इन्हीं उपायों में से एक है ‘क्रिमिनोलॉजी’ यानी अपराध विज्ञान। इसका सीधा संबंध अपराधिक घटनाओं से होता है। अपराध की जांच-पड़ताल कर अपराधियों तक पहुंचना, एक रोमांचक करियर साबित हो सकता है। यदि आपकी दिलचस्पी इस क्षेत्र में है, तो क्रिमिनोलॉजी का क्षेत्र आपके लिए ही है।
क्या है क्रिमिनोलॉजी
अपराध, अपराधी, आपराधिक स्वभाव तथा अपराधियों के सुधार का वैज्ञानिक अध्ययन, अपराध विज्ञान के अंतर्गत किया जाता है। इसके अंतर्गत अपराध के प्रति समाज का रवैया, उसके कारण, परिणाम, प्रकार एवं अपराध की रोकथाम का अध्ययन किया जाता है।
अपराध विज्ञानी का कार्य
एक अपराध विज्ञानी (क्रिमिनोलॉजिस्ट) की जिम्मेदारी अपराध का डाटा एकत्रित करके उसके विश्लेषण के माध्यम से अपराधी के व्यवहार और अपराध के बारे में भविष्यवाणी करना है। अपराध विज्ञानी आपराधिक घटनाओं की समीक्षा करते हैं।
घटनास्थल से अपराधी के खिलाफ सबूत जुटाने में जांच दल की मदद करते हैं। साथ ही आपराधिक परिसि्थतियों का अध्ययन करना, आंकड़े एकत्रित करके उसका आकलन करना भी मुख्य कार्य होता है। वे अपराध के कारणों और अपराधी के स्वभाव को भी पता लगाने का काम करते हैं।
क्राइम सीन या पोस्टमार्टम की रिपोर्ट तैयार करना भी इन्हीं का काम है। इन्हें आमतौर पर अपराध, अपराधी से संबंधित सभी निष्कर्षों को शामिल करते हुए, एक रिपोर्ट लिखना आवश्यक होता है, जिससे उस अपराध की तुलना अन्य अपराधों से की जा सके। आपराधिक डाटा का विश्लेषण करना भी इनकी जिम्मेदारी होती है।
शैक्षणिक योग्यता और कोर्स
इस क्षेत्र में प्रवेश पाने के लिए विज्ञान विषयों में बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। क्रिमिनोलॉजी में बीए या बीएससी या फिर साइबर क्राइम कार्यक्रम में बारहवीं पास आउट विद्यार्थी प्रवेश ले सकते हैं। इसकी अवधि तीन वर्ष है।
क्रिमिनोलॉजी में मास्टर डिग्री दो वर्षों में प्राप्त की जा सकती है। परास्नातक जैसे एमए या एलएलएम में प्रवेश के लिए किसी प्रतिष्ठित संस्थान या कॉलेज से इस क्षेत्र में स्नातक की डिग्री होना अनिवार्य है। स्नातक कार्यक्रम में प्रवेश के लिए कोई विशेष प्रकार की प्रवेश परीक्षा सुनिश्चित नहीं है।
कुछ एजेंसियां इसके लिए सर्टिफिकेट कोर्स कराती हैं। भारत में भी कुछ विश्वविद्यालय और संस्थान डिग्री और डिप्लोमा प्रोग्राम करा रहे हैं। कुछ एजेंसियों द्वारा छह महीने की अवधि के लिए प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम की पेशकश की जाती है।
व्यक्तिगत गुण
इसमें करियर बनाने के लिए आपके अंदर मानव व्यवहार और आचरण की अच्छी समझ होनी जरूरी है। अपराध विज्ञानी बनने के लिए आपका बैकग्राउंड समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, अपराध शास्त्र में हो, तो कोर्स करने में आसानी होती है। इसके साथ ही तर्क एवं व्यावहारिक सोच, टीम भावना के साथ काम करने की आदत, हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहना और दूरदर्शी होना जरूरी है।
कहां-कहां नौकरी
इस क्षेत्र में वैज्ञानिकों, शोध सहायकों, क्रिमिनोलॉजिस्ट, फॉरेंसिक वैज्ञानिकों और इन्वेस्टिगेटर के लिए विविध प्रकार की संभावनाएं हैं। एक बार कोर्स पूरा करने के बाद आप विभिन्न क्षेत्रों, जैसे- सरकारी व निजी कंपनियों, फॉरेंसिक विभाग, पुलिस, शोध संस्थानों, सीबीआई, सोशल वेलफेयर विभाग, एनजीओ, एमएनसी (लीगल मैटर्स) डिटेक्टिव एजेंसियों आदि में नौकरी प्राप्त कर सकते हैं।
आप किसी कॉलेज में प्रवक्ता के साथ ही फ्रीलांसर के तौर पर भी कार्य कर सकते हैं। क्राइम इंटेलिजेंस, लॉ रिफॉर्म रिसर्चर, कम्युनिटी करेक्शन कोऑर्डिनेटर, ड्रग पॉलिसी एडवाइजर के पद पर कार्य कर सकते हैं।
प्रमुख शिक्षण संस्थान
www.nicfs.nic.inकर्नाटक यूिनवर्सिटी धारवाड़, कर्नाटक
www.kud.ac.in
डॉ. हरिसिंह गौर यूनिवर्सिटी, सागर, मध्य प्रदेश
www.dhsgsu.ac.in
गुजरात फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी, गुजरात
www.gfsu.edu.in
यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास, तमिलनाडु
www.unom.ac.in
कमाई हो कितनी
20-25 हजार रुपये प्रतिमाह करियर की शुरुआत में सैलरी मिलती है।
50-60हजार रुपये प्रतिमाह एक अनुभवी अपराध विज्ञानी कमाता है।
अपराध विज्ञानी के लिए पुलिस, शोध संस्थानों, सीबीआई, एनजीओ आदि में नौकरी की अपार संभावनाएं हैं।