राजसमंद में लव जिहाद नहीं अवैध संबंधों में हुई थी हत्या
लव जिहाद के नाम पर राजस्थान के राजसमंद में एक जघन्य हत्याकांड की सच्चाई पुलिस ने कोर्ट के सामने रख दी है. पुलिस की जांच में पता चला है कि शंभू की राजसमंद के राजनगर की रहने वाली एक लड़की से संबंध थे. इसकी जानकारी मृतक अफराजुल को थी. लड़की की दोस्ती वेस्ट बंगाल के 2 लड़कों से भी थी. इससे शंभू नाराज था. पुलिस ने राजसमंद कोर्ट में 413 पन्नों की चार्जशीट पेश की है. इसमें कहा है कि शंभू वेस्ट बंगाल से आए मजदूरों को भगाना चाहता था, ताकि अपने अवैध संबंध को कायम रख सके. दरअसल अफराजुल हत्याकांड की वजह बनी लड़की और उसकी मां तीनों एक साथ बैठकर शराब पीते थे. हत्यारे शंभू के खिलाफ लड़की की मां ने पंचायत बुलाई थी.
मां का आरोप था कि शंभू जबरदस्ती उसकी लड़की को ले जाकर एक घर में एक साल से रखा है. उसके साथ शारीरिक संबंध बना रहा है. इसके बाद समाज ने शंभू को लड़की छोड़ने को कहा और 10 हजार का जुर्माना लगाया. तब से शंभू लगातार लड़की का पीछा करता था, लेकिन वो उसके पास नहीं आना चाहती थी. इससे शंभू पागल जैसा हो गया था.
चार्जशीट में दर्ज लड़की के बयान के मुताबिक, अफराजुल, बल्लू और अज्जू शेख उसके घर आते थे. उनके साथ शराब पीते थे. 2010 में पूजा के दौरान वो बल्लू के साथ वेस्ट बंगाल के सैयदपुर चली गई थी. कुछ दिनों बाद वापस राजसमंद आ गई. साल 2012 में दुबारा अज्जू के साथ सैयदपुर चली गई. वहां से लौटी तो शंभू ने उसे अपने घर रख लिया.
हाउसिंग बोर्ड के जिस मकान में शंभू ने लड़की को रखा था, वहां एक नर्स भी थी. एक दिन नर्स ने उन दोनों को आपत्तिजनक हालत में देख लिया, जिसके बाद लड़की को घर से निकाल दिया. इसके बाद लड़की की मां ने पंचायत बुलाई थी. लड़की अपनी मां के पास ही रह रही थी, लेकिन इसके बाद भी बल्लू और अज्जू से मिलती रहती थी.
पुलिस ने वारदात के 36 दिन बाद 68 गवाहों के साथ चार्जशीट पेश की है, जिसमें चश्मदीद गवाह शंभू के 15 साल के भांजे को बनाया है. मुख्य गवाह लड़की को बनाया है. इसके अलावा शंभू की पत्नी को भी पुलिस ने गवाह बनाया है. पुलिस ने बताया कि शंभू ने वारदात से पहले और बाद में अपने नाबालिग भतीजे के साथ मिलकर वीडियो बनाए थे.