मुंबई. मोशे होलत्जबर्ग (बेबी मोशे), जिसने मुंबई में 26/11 के आतंकी हमले में अपने माता-पिता को खो दिया था, वह दोबारा मुंबई पहुंच गया है. मुंबई में 26/11 आतंकी हमले में अपने माता-पिता को खोने वाला मोशे होलत्जबर्ग 9 साल बाद पहली बार इस हफ्ते शहर के नरीमन हाउस पहुंचेगा.
नवंबर 2008 में नरीमन हाउस की घेराबंदी के दौरान रब्बी गैवरीअल होलत्जबर्ग और रीवीका की मौत हो गई थी. उस वक्त मोशे सिर्फ 2 साल का था. आतंकवादियों ने तीन दिन तक हमला किया, जिसमें 166 लोगों की मौत हुई थी. यहूदी दंपति दक्षिण मुंबई के कोलाबा इलाके में स्थित नरीमन हाउस में एक सांस्कृतिक केंद्र चलाता था.
मोशे के दादा शिमॉन रोजनबर्ग ने फोन पर बताया था कि हम सब भारत की यात्रा करने को लेकर बहुत उत्साहित हैं. 9 साल से ज्यादा वक्त में नरीमन हाउस में यह मोशे की पहली यात्रा है.’ मोशे के साथ सैंड्रा सैमुअल्स भी हैं. वह भारतीय आया हैं जिन्होंने उसे हमले के दौरान मोशे को बचाया था. सैंड्रा को इजरायल ने मानद नागरिकता प्रदान की थी ताकि वह देश में मोशे के साथ रह सकें.
मुंबई हमलों के वक्त बेबी मोशे…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल जुलाई में अपनी इजरायल की यात्रा के दौरान मोशे और उसके दादा-दादी से मुलाकात की थी और कहा था कि वह कभी भी भारत आ सकता है. मुंबई हमले में जीवित बचा मोशे होल्त्जबर्ग अब 11 साल का हो गया है. मुंबई के अपने दौरे में वह चाबाद हाउस जाएगा, जहां 26/11 आतंकी हमले में उसके माता पिता मारे गए थे.