अमेरिका में बहुत तेजी से आर्थिक संकट गहरा गया है। अमेरिका में संघीय सरकार को आर्थिक मंजूरी प्रदान करने वाले विधेयक को पास करवाने में सिनेट असफल रही है। और जैसे ही सरकार नए बजट को सिनेट में पास कराने मे असफल रही देश भारी आर्थिक संकट के दौर के साथ यहां शट-डाउन भी शुरू हो गया है। शटडाउन के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब कांग्रेस और व्हाइट हाउस दोनों की कमान एक ही पार्टी रिपब्लिकन के हाथों में है।
बता दें कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जो अपने कार्यकाल का एकसाल पूरा करने जा रहे हैं उनकी आर्थिक नीतियों को इस शटडाउन के बाद बड़ा झटका लगा है। शटडाउन के चलते अब पूरे देश में सरकारी कामकाज पूरी तरह से ठप्प हो जाएगा। ऐसे में एक बार फिर अमेरिका में नौकरियों पर संकट पैदा हो गया है।
बता दें कि अमेरिका के दोनों सदनों में आर्थिक विधेयक पारित होना था लेकिन भारी विरोध के चलते नहीं हो सका और आखिरकार अमेरिका में शटडाउन की नौबत आ गई है। इस शटडाउन के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका की इस स्थिति के लिए डेमोक्रेट जिम्मेदार हैं। उन्होंने अपनी नाराजगी ट्वीटर के जरिए जाहिर की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा, सैन्य परिवार, कमजोर बच्चों और सभी अमेरिकियों की सेवा हर राजनीति से उपर है। लेकिन वहीं सिनेट डेमोक्रेट चक स्कमर ने डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप लगाया कि उन्होंने दो दलीय समझौते वाले सौदों को अस्वीकार कर दिया और सीनेट में कांग्रेस को इस मामले में प्रभावी तरीके से जोर भी नहीं दिया।
गौरतलब है कि ओबामा सरकार के दौरान हुआ शटडाउन 16 दिनों तक चला था। यह शटडाउन 2013 में हुआ था।
अमेरिकी में शटडाउन की स्थिति पहली बार नहीं बनी है
शटडाउन के बाद कई सरकारी विभागों को बंद करना पड़ेगा और लाखों कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे और उन्हें वेतन के बिना घर बैठना पड़ेगा। कुल मिलाकर अमेरिकी अर्थव्यवस्था बहुत बड़े खतरे से गुजर रही है। पांच साल में दूसरी बार ऐसी स्थिति बन गई है अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या अमेरिका दिवालियेपन की ओर बढ़ रहा है।
बता दें कि फिलहाल अमेरिका में एंटीडेफिशिएंसी एक्ट लागू है। इस एक्ट के लागू होते ही संघीय एजेंसियों को पैसे की कमी की वजह से अपना कामकाज रोकना पड़ता है। बजट न होने की वजह से कर्मचारियों की छुट्टी पर भेज दिया जाता है और उन्हें इस छुट्टी के दौरान वेतन भी नहीं दिया जाता। इस स्थिति में सरकार संघीय बजट लाती है, जिसे प्रतिनिधि सभा और सीनेट, दोनों में पारित कराना जरूरी होता है।
इस शटडाउन की स्थिति से पार पाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पास शुक्रवार मध्यरात्रि तक का समय था। लेकिन बिल सीनेट में पास नहीं हो सका और शटडाउन की स्थिति पैदा हो गई है। यानि आर्थिक संकट से अमेरिका पूरी तरह घिर चुका है।
करीब साढ़े आठ लाख कर्मचारियों को पहले दिन से घर पर बैठना पड़ेगा
फिलहाल अमेरिकी प्रशासन में 35 लाख कर्मचारी हैं अगर वहां शटडाउन की स्थिति पैदा हो जाती है तो करीब साढ़े आठ लाख कर्मचारियों को पहले ही दिन से घर पर बैठना पड़ सकता है। लेकिन इन सबके बीच सैन्यकर्मियों की ड्यूटी लगी है, उन्हें इस क्राइसिस के बाद भी नहीं हटाया जाएगा।
अमेरिकी में शटडाउन की स्थिति पहली बार नहीं बनी है। इससे पहले वर्ष 1981, 1984, 1990, 1995-96 और 2013 में भी शटडाउन हो चुका है। तब अमेरिका की स्थिति इतनी खराब हो चुकी थी कि उसके पास खर्च करने के लिए पैसा भी नहीं बचा था। पांच साल पहले भी अक्टूबर 2013 में यहां शटडाउन हुआ था, जो दो हफ्तों तक चला था और 8 लाख कर्मचारियों को इस दौरान घर बैठना पड़ा था। तब बराक ओबामा राष्ट्रपति थे।