सरकार के इस फैसले से लगेगा झटका, महंगा हो सकता है मोबाइल-लैपटॉप
वित्त मंत्री अरुण जेटली कल यानी 1 फरवरी को आम बजट पेश करेंगे. इसमें आयकर के मोर्चे पर राहत मिलने की उम्मीद और अर्थव्यवस्था को लेकर कड़े फैसले लिए जाने की संभावना जताई जा रही है. लेकिन बजट में सरकार की तरफ से एक बड़ा बदलाव, आपके लिए मोबाइल और लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रोनिक उत्पाद महंगा कर सकता है.
मोदी सरकार जब से सत्ता में आई है, तब से वह लगातार मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने में जुटी हुई है. मेक इन इंडिया की खातिर सरकार का फोकस देश में ही में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने पर है. इसके लिए उसने देश में आयात किए जा रहे सामान पर कस्टम ड्यूटी को सख्त करने की शुरुआत कर दी है.
अब बजट में कस्टम ड्यूटी पर एक और वार सरकार कर सकती है. बजट में सरकार इसे बढ़ाने की घोषणा कर सकती है. अगर यह घेाषणा होती है, तो इसकी वजह से आपके लिए मोबाइल-लैपटॉप जैसे कई इलेक्ट्रोनिक सामान खरीदना महंगा हो सकता है.
दरअसल कस्टम ड्यूटी बढ़ने से इन उत्पादों को आयात करने पर लगने वाला खर्च बढ़ता है. ऐसे में कंपनियां अपनी जेब पर पड़े भार को आप तक पहुंचाती है और उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी की जाती है.
बजट में सरकार की तरफ से कस्टम ड्यूटी बढ़ाए जाना इसलिए भी तय माना जा रहा है, क्योंकि वह पहले से ही इस मोर्चे पर कई कदम उठा चुकी है. पिछले साल 1 जुलाई को सरकार ने मोबाइल फोन पर बेसिक कस्टम ड्यूटी 10 फीसदी की दर से लगाई थी. 14 दिसंबर को सरकार ने इसे बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया है.
केंद्र सरकार मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने की जुगत में जुटी हुई है. इसके लिए वह लगातार विदेशी कंपनियों को भारत में मैन्युफैक्चरिंग करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. देश में ही निर्माण कार्य को बढ़ावा देने के लिए सरकार कस्टम ड्यूटी बढ़ाने का कदम उठा सकती है.
पिछले दिनों कंज्यूमर इलेक्ट्रोनिक्स एंड एप्लाइंसेस मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (सीईएएमए) ने भी आयात किए जाने वाले इलेक्ट्रोनिक उत्पादों और होम एप्लायंसेज पर कस्टम ड्यूटी 20 फीसदी किए जाने की मांग की है. एसोसिएशन का कहना है कि देश में ही मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाना जरूरी है.
इंडस्ट्री बॉडी एसोचैम भी इसी तरह की मांग पिछले दिनों कर चुकी है. एसोचैम ने कहा है कि सरकार आसियान देशों से आने वाले पेपर पर कस्टम ड्यूटी 10 फीसदी करे. सरकार की तरफ से इस दिशा में उठाया गया कोई भी कदम घरेलू बाजार में आयात किए जाने वाले उत्पादों की कीमतों पर असर डालेगा.