जीवनशैली
याद्दाश्त बढ़ाने के लिए छात्रों को जरूर करना चाहिए यह काम
पूषाण मुद्रा से प्राण, व्यान और अपान तीनों वायु के लाभ एक साथ मिलते हैं। इससे जठराग्नि मजबूत होती है। याद्दाश्त बढ़ती है। परीक्षा के दिनों में यह मुद्रा विद्यार्थियों के लिए उपयोगी होगी। विशेषज्ञ डॉ. प्रशांत कुमार से जानें इसे करने का तरीका।
ऐसे करें
दाएं हाथ से व्यान मुद्रा बनाएं यानी अंगूठे, तर्जनी और मध्यमा के शीर्ष को मिलाएं। अनामिका तथा कनिष्ठा को सीधी रखें। फिर बाएं हाथ से अपान मुद्रा बनाएं यानी अंगूठे, मध्यमा और अनामिका के अग्रभाग को मिलाएं। तर्जनी और कनिष्ठा को सीधी रखें। दाएं हाथ से व्यान मुद्रा का विकल्प चुनें या प्राण मुद्रा का, लेकिन बाएं हाथ में अपान मुद्रा ही रहेगी। गहरी व धीमी सांस के साथ 15-15 मिनट तक तीन बार करें।
ऐसे करें
दाएं हाथ से व्यान मुद्रा बनाएं यानी अंगूठे, तर्जनी और मध्यमा के शीर्ष को मिलाएं। अनामिका तथा कनिष्ठा को सीधी रखें। फिर बाएं हाथ से अपान मुद्रा बनाएं यानी अंगूठे, मध्यमा और अनामिका के अग्रभाग को मिलाएं। तर्जनी और कनिष्ठा को सीधी रखें। दाएं हाथ से व्यान मुद्रा का विकल्प चुनें या प्राण मुद्रा का, लेकिन बाएं हाथ में अपान मुद्रा ही रहेगी। गहरी व धीमी सांस के साथ 15-15 मिनट तक तीन बार करें।