2018 के बजट में अब कमहीने की आमदनी 65 हजार पर नहीं बचेगी अठन्नी, जानिए कैसे
धर्मेंद्र शर्मा प्राधिकरण में सुपरवाइजर हैं और पत्नी शर्मिला जयपुरिया कॉलेज में एग्जाम कोआर्डिनेटर हैं। धर्मेंद्र ने बताया कि बजट उम्मीद के अनुसार नहीं रहा। मध्यमवर्ग को राहत नहीं मिल पाई है। कम से कम 5 लाख तक की कमाई वाले को आयकर से छूट मिलनी चाहिए थी। हालांकि, ये थोड़ा ठीक हुआ है कि इनकम टैक्स में स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत 40,000 की छूट मिलेगी। सैलरी से 40,000 रुपये घटाकर टैक्स लगाया जाएगा। हम पति-पत्नी महीने में 65,000 रुपये कमाते हैं, लेकिन महीने के अंत में कुछ नहीं बच पाता है। बेटा चौथी कक्षा में समरविल स्कूल में पढ़ता है।
उसकी हर महीने पढ़ाई पर करीब 12 से 13 हजार रुपये खर्च होते हैं। कमाई का बड़ा हिस्सा शिक्षा पर खर्च होता है। वहीं, महीने में 12 से 13 हजार रुपये रसोई पर खर्च होते हैं। भैंस का दूध ही अभी 55 रुपये किलो मिल रहा है। दाल भी बहुत महंगी हो चुकी हैं। मां भगवान देवी दिल की बीमारी से पीड़ित हैं। हर महीने 6 हजार रुपये दवाइयों और डॉक्टर पर खर्च होते हैं। इसके अलावा अगर किसी महीने कोई बीमार पढ़ जाए तो खर्च और बढ़ जाता है। अगर टैक्स स्लैब में छूट मिलती तो इन खर्चों को उठाने में राहत मिलती।