उन्नाव के बांगरमऊ में 10 रुपये में फर्जी डॉक्टर से कराया था इलाज, अब 69 को HIV
उन्नाव के बांगरमऊ में सामने आए एचआईवी मामलों में प्रभावितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सीएमओ के दावे के उलट कानपुर के एआरटी सेंटर पर नवंबर 2017 से जनवरी 2018 के बीच 69 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया। इसमें 6 बच्चे भी हैं। ये सारे लोग उन तीन गांवों के हैं, जहां झोलाछाप डॉक्टर का सबसे ज्यादा असर था। उन्नाव के सीएमओ ने दावा किया था कि 566 लोगों की जांच में सिर्फ 21 एचआईवी पॉजिटिव मरीज मिले। गौरतलब है कि उन्नाव जिले की बांगरमऊ तहसील के कुछ गांवों में संक्रमित इंजेक्शन लगाने के आरोपी झोलाछाप डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया।
छोटे-छोटे बैच में आए मरीज
कानपुर के एआरटी सेंटर के सूत्रों के मुताबिक नवंबर में 10 से ज्यादा मरीजों का पहला बैच उनके पास आया। एक ही क्षेत्र के इतने सारे लोगों को देखकर वे हैरान हुए। इसके बाद जनवरी तक उनके पास ऐसे समूहों में कई लोग आए। काउंसलिंग से पता चला कि ये लोग झोलाछाप से कभी इंजेक्शन तो कभी ड्रिप लगवाते थे। इसके बाद उनकी तबीयत खराब रहने लगी। प्रभावितों में एक नेत्रहीन और 70 साल की महिला भी थी। एक परिवार के 16 और 17 साल के दो लड़कों के अलावा 4 से लेकर 8 साल तक के बच्चे भी संक्रमण के शिकार हुए हैं। इनकी कुल संख्या 69 है। कई मरीज ऐसे थे, जिन्हें एचआईवी के बारे में कुछ पता ही नहीं था। विंडो पीरियड खत्म होने के बाद मरीजों की संख्या और बढ़ने की आशंका है।
केस ‘दबाने’ की थी कोशिश
उन्नाव के स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार नवंबर और दिसंबर में अचानक बढ़े केसों की जानकारी अधिकारियों को दी गई, लेकिन उन्होंने कह दिया कि एक साथ इतने मरीज कानपुर पहुंचे तो ‘बवाल’ हो जाएगा।